Friday 28 July 2017

Shabd : शब्द

खरी खरी - 53 : शब्द

शब्द मुस्कराहट जगा देते हैं
शब्द कड़वाहट भी बड़ा देते हैं,
दिल जो दिखाई नहीं देता
शब्द उसकी बनावट भी बता देते हैं ।

कुछ शब्द कहे नहीं जाते
कुछ शब्द सहे नहीं जाते,
शब्दों के तीर से बने घाव
जीवन में भरे नहीं जाते ।

शब्द दुखड़े भी बांट देते हैं
शब्द खाई भी पाट देते हैं,
शब्दों के धारदार खंजर
उलझी हुई जंजीर काट देते हैं ।

शब्द मिठास भी भर देते हैं
शब्द निरास भी कर देते हैं,
मन में छिपे हुए तूफ़ान की
प्रकट भड़ांस भी कर देते हैं ।

शब्द से अमृत भी बरसता है
शब्द से जहर भी उफनता है,
अपशब्द से घटा जो घिरती है
हर तरफ कहर ही बरपता है ।

शब्द को जो पहले तोलता है
तोल के मुंह जो खोलता है,
मिटे -द्वेष -द्वंद -घृणा -ईर्ष्या
कूक कोयल सी मिठास घोल देता है।

पूरन चन्द्र काण्डपाल
29.07.2017

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