बिरखांत - 236 : पटाखों पर हो पूर्ण पाबन्दी
पटाखों की पाबंदी पर पहले भी कई बार निवेदन कर चुका हूँ, ‘बिरखांत’ भी लिख चुका हूँ | हर साल दशहरे से तीन सप्ताह तक पटाखों का शोर जारी रहता है जो दीपावली की रात चरम सीमा पर पहुंच जाता है | शहरों में पटाखों के शोर और धुंए के बादलों से भरी इस रात का कसैलापन, घुटन तथा धुंध की चादर आने वाली सुबह में स्पष्ट देखी जा सकती है | दीपावली के त्यौहार पर जलने वाला कई टन बारूद और रसायन हमें अँधा, बहरा तथा लाइलाज रोगों का शिकार बनाता है |
पटाखों के कारण कई जगहों पर आग लगने के समाचार हम सुनते रहते हैं | पिछले साल छै से चौदह महीने के तीन शिशुओं की ओर से उनके पिताओं द्वारा देश के उच्चतम न्यायालय में जनहित याचिका दायर करते हुए कहा कि प्रदूषण मुक्त पर्यावरण में बड़े होना उनका अधिकार है और इस सम्बन्ध में सरकार तथा दूसरी एजेंसियों को राजधानी में पटाखों की बिक्री के लिए लाइसेंस जारी करने से रोका जाय |
उच्चतम न्यायालय ने केंद्र और राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि वह पटाखों के दुष्प्रभावों के बारे में लोगों को शिक्षित करें और उन्हें पटाखों का इस्तेमाल नहीं करने की सलाह दें | न्यायालय ने कहा कि इस सम्बन्ध में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में व्यापक प्रचार करें तथा स्कूल और कालेजों में शिक्षकों, व्याख्याताओं, सहायक प्रोफेसरों और प्रोफेसरों को निर्देश दें कि वे पटाखों के दुष्प्रभावों के बारे में छात्रों को शिक्षित करें |
यह सर्वविदित है कि सर्वोच्च न्यायालय का रात्रि दस बजे के बाद पटाखे नहीं जलाने का आदेश पहले से ही है परन्तु नव- धनाड्यों एवं काली कमाई करने वालों द्वारा इस आदेश की खुलकर अवहेलना की जाती है | ये लोग रात्रि दस बजे से दो बजे तक उच्च शोर के पटाखे और लम्बी-लम्बी पटाखों के लड़ियाँ जलाते हैं जिससे उस रात उस क्षेत्र के बच्चे, बीमार, वृद्ध सहित सभी निवासी दुखित रहते हैं |
एक राष्ट्रीय समाचार में छपी खबर के अनुसार सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस बार देश में विदेशी पटाखों को रखना और उनकी बिक्री करना अवैध होगा | इसकी अवहेलना करने पर निकट के पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट की जा सकती है | इन विदेशी पटाखों में पोटेशियम क्लोरेट समेत कई खरनाक रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक तो है ही इससे आग भी लग सकती है या विस्फोट हो सकता है | विदेश व्यापार महानिदेशक ने आयातित पटाखों को प्रतिबंधित वस्तु घोषित किया है | ऑनलाइन पटाखा बिक्री पर भी अब रोक लग गई है ।
कुछ लोग अपनी मस्ती में समाज के अन्य लोगों कों होने वाली परेशानी की परवाह नहीं करते | उस रात पुलिस भी उपलब्ध नहीं हो पाती या इन्हें पुलिस का अभयदान मिला होता है | वैसे हर जगह पुलिस भी खड़ी नहीं रह सकती | हमारी भी कुछ जिम्मेदारी होती है | क्या हम बिना प्रदूषण के त्यौहार या उत्सव मनाने के तरीके नहीं अपना सकते ? यदि हम अपने बच्चों को इस खरीदी हुई समस्या के बारे में जागरूक करें या उन्हें पटाखों के लिए धन नहीं दें तो कुछ हद तक तो समस्या सुलझ सकती है | धन फूक कर प्रदूषण करने या घर फूक कर तमाशा देखने और बीमारी मोल लेने की इस परम्परा के बारे में गंभीरता से सोचा जाना चाहिए | उच्च शोर के पटाखों की बिक्री बंद होने पर भी ये बाजार में क्यों बिकते आ रहे हैं यह भी एक बहुत बड़ा सवाल है |
हम अपने को जरूर बदलें और कहें “पटखा मुक्त शुभ दीपावली” | “ SAY NO TO FIRE CRACKERS”. पटाखों के रूप में अपने रुपये मत जलाइए , इस धन से गरीबों को गिफ्ट देकर खुशी बाँटिये । इस बार उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार पटाखों की बिक्री पर पाबंदी होने से दीपावली की रात कुछ प्रदूषण कम होने की उम्मीद है जिसके लिए सभी नागरिक धन्यवाद के पात्र हैं । अब समय आ गया है जब पटाखों के उत्पादन, भंडारण और बिक्री पर पूर्ण पाबंदी लगनी चाहिए । आप सभी को दीपावली की शुभकामनाएं ।
पूरन चन्द्र काण्डपाल
01.11.2018