Saturday 1 July 2017

Nafarat se bhalaa nahee : नफरत से भला नहीं

खरी खरी - 41 : नफरत से भला नहीं होगा

      देश की राजधानी नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर 28 जून 2017 को एक बड़ा प्रदर्शन हुआ जो स्वतःस्फूर्त था, किसी दल -सम्प्रदाय का नहीं । बैनरों में लिखा था "हम नफरत के खिलाफ हैं ।" कुछ ने कहा, 'देश में हिंसा हो रही हर, नफरत फैलाई जा रही है और दहस्यत का माहौल बन गया है, पता नहीं कब क्या हो जाय ?' सोसल मीडिया में भी कई बार चित्र-कार्टून द्वारा नफरत फैलाई जा रही है । लोग बात-बात में 'क्या खाना है', 'क्या नहीं खाना है',  जैसी बहस में उलझ कर जानलेवा मारपीट तक कर दे रहे हैं ।

        22 जून 2017 को गाजियाबाद-मथुरा शटल ट्रेन में सिर्फ सीट के लिए कहासुनी के बाद झगड़ा हो गया और कुछ ही मिनट में एक युवक की हत्या हो गई । बात इतनी बड़ी नहीं थी परंतु धर्म-सम्प्रदाय के नाम पर बतंगड़ बन गया । हिंसा से, वैमनस्य फैलाने से, नफरत करने से और कटु टिप्पणी से देश का भला नहीं होगा उल्टा हम इसी में उलझे रह जाएंगे । विकसित देश के किसी नागरिक से उनके विकसित होने का कारण पूछा तो उसने बताया, 'जब आप जाति, धर्म और सम्प्रदाय की बहस में उलझ कर अपना समय और ऊर्जा नष्ट कर रहे थे, आपस में लड़ रहे थे तब हम अपनी पूरी ऊर्जा अपने देश के विकास पर लगा रहे थे ।'

     कल 29 जून 2017 को पी एम साहब ने साबरमती आश्रम अहमदाबाद से नफरत मिटाने की बात कहते हुए कहा है कि 'इंसान को मारने वाले गोरक्षक नहीं हो सकते ।' हम सब मिलकर गलत को गलत कहें, नफरत को मिटाने का संकल्प करें, प्यार बढ़ाने के लिए बोलें और देशहित में आपस में मिलजुल कर रहने का वातावरण बनाएं, तभी देश आगे बढ़ेगा और अमन-चैन भी रहेगा ।

पूरन चन्द्र काण्डपाल
30.06.2017

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