Tuesday 18 July 2017

Gattar mein maut. : गटर में मौत

खरी खरी - 50 : गटर- में मौत

     15 जुलाई 2017 को राजधानी के घिटोरनी क्षेत्र में सेप्टिक टैंक की जहरीली गैस से चार सफाई मजदूर बेमौत मारे गए । दिल्ली नगर निगम के सफाई कर्मियों के अनुसार उन्हें बिना सेफ्टी किट के मैनहोल में उतार दिया जाता है जिससे उनकी जान हमेशा जोखिम में रहती है । सेफ्टी किट में मास्क, आक्सीजन सिलिंडर, टार्च, जैकेट, चश्मा, जूते, दस्ताने होते हैं जिससे सफाई मजदूर का जहरीली गैस से बचाव होता है । इस किट के प्रयोग से सीवर की जहरीली गैस की मौजूदगी में वहां मजदूर सफाई कर सकता है ।

     देश में गटर- सीवर- मैनहोल में बिना सेफ्टी किट के जाकर जहरीली गैस से विगत 100 दिनों में बेमौत मरने वालों की संख्या 39 हो गई है । हम बुलेट ट्रेन की बात कर रहे हैं, दूसरे देश के उपग्रह अंतरिक्ष में भेज रहे हैं, हमारे पास अणुबम -मिसाइल भी हैं परंतु इस बेमौत की मौत पर हम हाथ बांधे चुपचाप खड़े हैं । जो लोग गटर- सीवर- मैनहोल में जाते हैं वे भी मनुष्य हैं परन्तु मजबूरी से इस कार्य को करते हैं ।

आज के युग में यह काम मशीन से होना चाहिए । यदि मशीन नहीं हैं तो इन मजदूरों को कम से कम सेफ्टी किट तो दी जानी चाहिए । सरकारों और तंत्र को इस बेमौत को संजीदगी से देखना चाहिए अन्यथा सफाई कर्मी यूं ही बैमौत मरते रहेंगे जो हमारे विकास और तंत्र पर एक धब्बा ही माना जायेगा ।

पूरन चन्द्र काण्डपाल
19.07.2017

No comments:

Post a Comment