खरी- खरी - 150 : नव वर्ष पर 6 शहीदों को सलूट
2017 के अंतिम दिन 31 दिसम्बर को हमारे 6 जवान ( 5 जवान सी आर पी एफ के, पुलवामा जम्मू-कश्मीर में और 1 जवान सेना का, नौशेरा पंजाब में ) देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दे गए । सीमा पर पड़ोसी देश द्वारा पूरे वर्ष भर गोलीबारी होती रही और उग्रवाद का नाग सरहद के आसपास आज भी फनफना रहा है ।
ऐसा विगत 1989 से लगातार हो रहा है जिससे हमारे सैकड़ों सुरक्षा प्रहरी वतन की माटी को अपने लहू से सिंचित कर गए । हमारी सेना ने भी दुश्मन की हर गोली का बड़ी मुस्तैदी से मुहतोड़ जबाब दिया और प्रत्येक शहीद के बलिदान का तुरंत बदला लिया । उग्रवाद के नाग का सिर कुचलना अभी बाकी है जिसकी देश को दरकार है । अब तक देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले सभी अमर शहीदों को नमन और विनम्र श्रद्धांजलि ।
नववर्ष 2018 का भलेही आज हम स्वागत कर रहे हैं और एक - दूसरे को बधाई- शुभकामना दे रहे हैं परन्तु दिल से हम मातृभूमि के लिए अपना बलिदान देने वाले इन वीर सपूतों के प्रति विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं और इस दुख के दौर में इन शहीद परिवारों के दुख -दर्द में शामिल हो रहे हैं -
'शहीदों की चिंताओं में
लगेंगे हर बरस मेले,
वतन पर मिटने वालों का
बस एक यही निशां होगा ।'
जयहिन्द,
जय हिंद की सेना ।
इस गमगीनअंधेरे में
एक दीप जलाते हैं,
सभी मित्रों को नववर्ष
की शुभकामना देते हैं ।
पूरन चन्द्र काण्डपाल
शहीदों पर भी लिखो
तुम गजल लिखो या
गीत प्रीत के खूब लिखो,
एक पंक्ति तो कभी
शहीदों पर लिखो,
लौट नहीं आये जो
कभी गीत लिखो उनपर,
देह-प्राण न्यौछावर
कर गए राष्ट्र की धुन पर ।
'जयहिन्द'
जो हमारे कल के लिए अपना आज दे गए उनके परिजनों का सम्मान करते हुए सभी मित्रों को नव वर्ष की शुभकामना ।
पूरन चन्द्र काण्डपाल
01.01.2018