Thursday 6 July 2017

नक्सल आतंक : naksal aatank

खरी खरी -7 : नक्सल आतंक पर चोट कब ?

     नक्सल कायराना हमले की अब तो हद ही हो गई । बात करने को ये तैयार नहीं हैं । विगत 20 वर्षों में इनके घात लगाकर किये गए हमलों में  करीब 12000 हजार निर्दोष लोग मारे गए हैं । 6 अप्रैल 2010 को दत्तेवाड़ा में 75 और 24 अप्रैल 2017 को सुकमा में 26 CRPF जवानों की हत्या इनके बड़े कांड हैं । छत्तीसगढ़ में तो आए दिन ये हत्याएं कर रहे हैं । ये स्कूल भवन, पंचायत भवन, ऊर्जा संयंत्र, टेलीफोन एक्सचेंज, रेल मार्ग, सड़क मार्गों को आये दिन नष्ट कर रहे हैं । अब और कितनी बर्बादी का इंतजार है ?

     वर्तमान सुकमा हमला एक बहुत बड़ी चुनौती है । अब और कितने सुरक्षाकर्मी शहीद होंगे ? कब तक हम इन हरकतों की निंदा ही करते रहेंगे ? कब तक हम तिरंगे में लिपटे अपने सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि देते रहेंगे ? इस लाल आतंक में कहीं न कहीं तो हमसे चूक हुई है । इस शहीदी का कसूरवार कौन है ? इस मुद्दे को सुलझाने या इससे निपटने में विपक्ष हमेशा ही केंद्र या राज्य सरकारों का साथ देता रहा है । अब रणनीति बदलने का समय आ गया है ताकि इस विकराल होते नक्सलवाद से बहुत सख्ती से निपटा जाय ।

पूरन चन्द्र काण्डपाल
26.04.2017

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