Thursday 6 July 2017

पृथ्वी दिवस : prithwee diwas

खरी खरी - 4 : पृथ्वी दिवस 22 अप्रैल

      अमेरिका के सीनेटर गेलार्ड नेल्सन के प्रयासों से 1970 से लगातार पिछले 47 वर्षों से प्रतिवर्ष 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस मनाया जाता है । इस दिन दिनोदिन पृथ्वी की बिगड़ती दशा की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित किया जाता है क्योंकि इस दौरान प्रदूषण बढ़ता ही गया और जलवायु परिवर्तन से संकट गहराता गया । आज विश्व का औसत तापमान 1.5 डिग्री से.बढ़ गया है और हमारी राजधानी तो अप्रैल में ही 43 डिग्री से. तापमान पार कर गई है ।

     हम न जल बचा रहे हैं और न जंगल । पिछले साल वनमहोत्सव में रोपित अधिकांश पौधे देखभाल नहीं होने के कारण समाप्त हो गए हैं । हम में से कई लोग रोज सूर्य को जल चढ़ाते हैं जिससे करोड़ों लीटर जल बह कर बर्बाद होता है । यदि यह जल नीचे न गिरा कर  किसी पौधे के ऊपर डाला जाए तो सूर्य को भी चढ़ जाएगा और पौधा भी जीवित रहेगा । इतना सा काम यदि हम नहीं कर सके तो फिर कागज में पृथ्वी दिवस मनाने का कोई औचित्य नहीं है ।

     इसी तरह जहां शवदाह के लिए C NG प्लांट हैं वहाँ शवदाह लकड़ी में नहीं होना चाहिए । दिल्ली के निगम बोधघाट पर सब यमुना को मैली करते हैं, प्रदूषण फैलाते हैं जबकि वहां CNG प्लांट सही हालात में हैं । पृथ्वी बचाने के लिए कई मिथ तोड़ने हैं और नई परंपरा अपनानी है तभी हम अपने बच्चों के लिए इस धरती को बचा पाएंगे और इसे हराभरा रख पाएंगे ।

पूरन चन्द्र काण्डपाल
22.04.2017
पृथ्वी दिवस

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