Thursday 6 July 2017

मूर्ख और गंवार : moorkh aur ganwaar

खरी खरी -9 : मूर्ख और गंवार

तूने हमेशा ही मुझे
मूर्ख और गंवार समझा
निरोगी होते हुए भी
रोग का शिकार समझा
मांग कर मुझ से
वो चीज ले लेते तुम
चुपचाप उठा ली
मुझे लाचार समझा ।

गुनाह ये था मेरा कि तुम्हारी
एक कमी ही तो बताई थी मैंने
कमी दूर करने की
राह भी तो दिखाई थी मैंने
बस यही वजह थी जो
तुमने मुझे कसूरवार समझा ।
तूने हमेशा ही मुझे
मूर्ख और गंवार समझा ।

पूरन चन्द्र काण्डपाल
30.04.2017

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