खरी खरी -543 : आप डटे हैं -40०C पर भी, शुभकामना
विगत 1989 से जम्मू-कश्मीर में छद्म युद्ध लगातार हो रहा है जिससे हमारे सैकड़ों सुरक्षा प्रहरी वतन की माटी को अपने लहू से सिंचित कर गए । देश के कुछ अन्य भागों में भी हमारे सुरक्षाकर्मियों ने अपना बलिदान दिया है । हमारी सेना और अन्य सुरक्षा प्रहरियों ने भी दुश्मन की हर गोली का बड़ी मुस्तैदी से मुहतोड़ जबाब दिया और प्रत्येक शहीद के बलिदान का तुरंत बदला लिया । आतंकवाद के नाग का सिर कुचलना अभी बाकी है जिसकी देश को दरकार है । अब तक देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले सभी अमर शहीदों को नए साल की पूर्व संध्या पर विनम्र श्रद्धांजलि के साथ नमन । हम नव वर्ष पर अपने सैन्य भाइयों को भी हार्दिक शुभकामना देते हैं जो -40० C पर भी वतन की रक्षा में डटे हैं ।
नववर्ष 2019 की पूर्व संध्या पर भलेही आज हम नए साल का स्वागत कर रहे हैं और एक - दूसरे को बधाई- शुभकामना दे रहे हैं परन्तु दिल से हम मातृभूमि के लिए अपना बलिदान देने वाले इन वीर सपूतों के प्रति नतमस्तक होकर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं और इस दुख के दौर में इन शहीद परिवारों के दुख -दर्द में सहानुभूतिपूर्वक शामिल हो रहे हैं -
'शहीदों की चिंताओं में
लगेंगे हर बरस मेले,
वतन पर मिटने वालों का
बस एक यही निशां होगा ।'
इस गमगीनअंधेरे में
एक दीप जलाते हैं,
सभी मित्रों को नववर्ष
की शुभकामना देते हैं ।
जयहिन्द,
जय हिंद की सेना ।
पूरन चन्द्र काण्डपाल
31.12 .2019