खरी खरी - 646 :ये किसान तेरे हाल पै रोना आया !
(आज अनलौक.1 का 12वाँ दिन है । 31 मई 2020 को 68 दिन का लौकडाउन पूरा हो गया । संक्रामक रोग कोरोना पूरे विश्व में बढ़ते जा रहा है । आज तक विश्व में कोरोना संक्रमित/मृतक संख्या 75.95+/4.23+ लाख और देश में यही संख्या 2.98 लाख+8.45+ हजार हो गई है । दुखद बात यह है कि कोरोना संक्रमण में अब देश अमेरिका, ब्राजील और रूस के बाद चौथे स्थान पर है । देश में करीब 1.4 लाख से अधिक संक्रमित ठीक भी हुए हैं । मास्क ठीक तरह से मुंह और नाक को ढककर चलें, केवल दिखाने के लिए मास्क लटकाकर न चलें । हाथ धोते रहना, मास्क ठीक से लगाए रखना, देह दूरी और भीड़ से बचाव; ये चार बातें ही तो याद रखनी हैं ।)
आज अन्नदाता किसान की बात करते हैं । केंद्र और राज्यों की सरकारें हमेशा ही कहती हैं कि वे किसान हितैषी हैं । यदि किसान हितैषी हैं तो टमाटर और शिमला मिर्च या कोई भी बंपर फसल सड़क पर क्यों गिराई जाती है ? कहाँ है हमारा खाद्य संस्करण मंत्रालय ? बम्पर फसलों के उचित दाम नहीं मिलने से किसान मजबूर होकर आत्महत्या जैसे खतरनाक कदम उठाने को मजबूर हो जाते हैं जो उचित नहीं है । इस सरकारी उदासीनता को देखकर आज का युवा किसान बनने को तैयार नहीं है । यदि यही हाल रहा तो एक दिन यह सोना उगलने वाली धरती गुम होते किसानों के कारण बंजर हो सकती है । कोरोना के दौर में तो किसान की नकदी फसलें बरबाद हो रही हैं क्योंकि ये फसलें जल्दी सड़ जाती हैं । कब चेतेगी किसान हितैषी सरकारें ? सुनो सरकार -
'ये किसान तेरे
हालात पै
रोना आया,
कभी आपदा ने
तो कभी बम्पर ने
तुझे रुलाया,
इस बार तो
कोराना ने तुझ
पर भी कहर ढाया।'
पूरन चन्द्र काण्डपाल
12.06.2020
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