Friday 5 June 2020

Shareer ka achchhwa ang dayan haath :शरीर का अस्वच्छ अंग दाया हाथ

खरी खरी -642 : शरीर का सबसे अस्वच्छ अंग (अब हाथ नहीं मिलाना)

      (आज अनलौक.1 का 6वाँ दिन है । 31 मई 2020 को 68 दिन का लौकडाउन पूरा हो गया । संक्रामक रोग कोरोना पूरे विश्व में बढ़ते जा रहा है । आज तक विश्व में कोरोना संक्रमित/मृतक संख्या 68.44+/3.98+ लाख और देश में यही संख्या 2.36 लाख+/6.6+ हजार हो गई है । दुखद बात यह है कि कोरोना संक्रमण में अब देश छठे स्थान पर है । देश में करीब एक लाख से अधिक संक्रमित ठीक भी हुए हैं । मास्क ठीक तरह से मुंह और नाक  को ढककर पहनिए । कुछ लोग केवल दिखाने के लिए मास्क लटकाकर देह दूरी नियम की धज्जियां उड़ाकर चल रहे हैं जो गलत है । हाथ धोते रहना, मास्क ठीक से लगाए रखना, देह दूरी और भीड़ से बचाव; ये चार बातें ही तो याद रखनी हैं ।)

      हाथ नहीं मिलाने की जागरूकता पर मैंने तीन वर्ष पूर्व  24 जून 2017 को एक खरी - खरी लिखी थी । यह आज बहुत प्रसांगिक है और पुनः पढ़ने के लिए आपके सम्मुख है ।

     "आप जानते हैं कि मनुष्य के शरीर का सबसे अधिक अस्वच्छ अंग कौनसा है ? जी वह है हमारा दांया हाथ । एक अध्ययन के अनुसार हमारे देश में 47 % लोग शौच के बाद साबुन से हाथ नहीं धोते हैं । 62 % लोग भोजन करने से पहले और 70 % लोग भोजन पकाने से पहले हाथ नहीं धोते हैं ।

     हम दिन भर सबसे हाथ मिलाते हैं, रेल- मेट्रो- बस- टैक्सी के डंडे-दरवाजे पकड़ते हैं, सीड़ियों के रैलिंग पकड़ते हैं, नाक- कान- मुंह में हाथ डालते हैं, कार्यालय के काउंटर- टेबल- खिड़की- कुंडी पर हाथ लगाते हैं, स्विच- रिमोट- मोबाइल- पैन- सार्वजनिक बेंच-कुर्सी, करंसी नोट-सिक्के आदि सब पर दिन भर हाथ रगड़ते रहते हैं । पसीना पोछते हैं, मूत्रांग स्पर्श करते हैं, खांसते- छींकते मुंह पर हाथ रखते हैं । सारा दिन हमारा दांया हाथ इन सभी जगहों से पूरी तरह दूषित- अस्वच्छ हो जाता है ।

     गंदे हाथ से हमें जुकाम, डायरिया, हैपेटाइटिस, आंख की बीमारी, हैजा, टाइफाइड, वाइरल जैसे कई रोग हो सकते हैं । सौ बातों की एक बात यह है कि भोजन करने और खाना बनाने से पहले, स्कूल- कार्यालय से घर पहुंचते ही सबसे पहले साबुन से अच्छी तरह रगड़कर हाथ धोने चाहिए ।
अभिवादन करने के लिए हाथ मिलाने के बजाय हाथ जोड़कर अभिवादन करने की आदत डालिये । यदि हमने ऐसा कर लिया तो 90% रोगों से हमने स्वयं को बचा लिया । सोचिए मत, आज ही से हाथ धोकर इस पुनीत आदत को अपनाने हेतु अपने पीछे पड़ जाइये । पूरन चन्द्र काण्डपाल,24.06.2017."

     इस लेख को संपादित करते हुए मैंने 20.02.2020 तथा 21.03.2020 को पुनः सोसल मीडिया में पोस्ट किया । आज कोरोना संक्रमण के इस दौर में इस लेख की प्रासंगिकता को समझने की आवश्यकता है । अब तो लोगों ने कोरोना दौर बीत जाने के बाद भी अभिवादन हाथ जोड़कर ही करने की संस्कृति को अपनाना होगा । भूल से भी हाथ मिलाने की संस्कृति को अब न अपनाया जाय ताकि हस्त स्पर्श से कोरोना सहित किसी भी प्रकार का संक्रमण न फैले ।

पूरन चन्द्र कांडपाल
06.06.2020

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