खरी खरी - 641 : आज पर्यावरण दिवस - कैसे बचेगी धरती ?
(आज अनलौक.1 का 5वाँ दिन है । 31 मई 2020 को 68 दिन का लौकडाउन पूरा हो गया । संक्रामक रोग कोरोना पूरे विश्व में बढ़ते जा रहा है । आज तक विश्व में कोरोना संक्रमित/मृतक संख्या 66.97+/3.93+ लाख और देश में यही संख्या 2.26 लाख+/6.3+ हजार हो गई है । देश में करीब एक लाख से अधिक संक्रमित ठीक भी हुए हैं । मास्क ठीक तरह से मुंह और नाक को ढककर पहनिए । कुछ लोग केवल दिखाने के लिए मास्क लटकाकर देह दूरी नियम की धज्जियां उड़ाकर चल रहे हैं जो गलत है ।)
आज पर्यावरण दिवस के अवसर पर धरती को बचाने की बात करते हैं । विकसित देश सबसे अधिक कार्बन उत्सर्जन कर रहे हैं । अत्यधिक कार्बन उत्सर्जन एक न एक दिन इस धरा को के डूबेगा । समरथ को नहीं दोष गोसाईं । इन्हें रोकने वाला कौन है ? कोई नहीं । वर्ल्ड रिसोर्स इंस्टीट्यूट के अनुसार भारत में पिछले 17वर्षों में (2001- 2018) 16 लाख हेक्टेयर से अधिक जंगल खत्म हो चुके हैं।
इस हाल में कैसे बचेगी धरती ? वर्ष 2000 में वन आवरण भारत के भौगोलिक क्षेत्र का 12% था जो 2010 में घटकर 8.9% रह गया जबकि कार्बन उत्सर्जन निरंतर बढ़ते रहा । कैसे बचेगी धरती की हरियाली ? विकास के नाम पर पेड़ काटकर धरती को नग्न किया जा रहा है । यह विकास नहीं, विनाश है । यह थमना चाहिए ।
हमने सोसल मीडिया में एक दूसरे को घर बैठे बैठे खूब पौधे भेज दिए हैं और बधाई भी दे दी । पेड़ कितने लोगों ने रोपे यह तो उनकी आत्मा जाने । मैदानी क्षेत्रों में गरमी भी बहुत है । रोपे हुए पेड़ को जीवित रखना जरूरी है । इसलिए जिसने आज 5 जून पर्यावरण दिवस पर पेड़ नहीं रोपा वह दिल से संकल्प करे कि बरसात आते ही वह पौधरोपण कर धरा का शृंगार अवश्य करेगा । हमें इस धरती को बचाना है । धरती ने हमें सबकुछ दिया, हमने भी पेड़ लगाकर धरती का ऋण चुकाना है ।
पूरन चन्द्र कांडपाल
05.06.2020
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