Saturday 6 June 2020

Dharti garam ho gaee : धरती गरम हो गई

खरी खरी - 643 :धरती गरम हो गई है, जीओगे कैसे ?

   (आज अनलौक.1 का 7वाँ दिन है । 31 मई 2020 को 68 दिन का लौकडाउन पूरा हो गया । संक्रामक रोग कोरोना पूरे विश्व में बढ़ते जा रहा है । आज तक विश्व में कोरोना संक्रमित/मृतक संख्या 69.73+/4.02+ लाख और देश में यही संख्या 2.46 लाख+/6.9+ हजार हो गई है । दुखद बात यह है कि कोरोना संक्रमण में अब देश छठे स्थान पर है । देश में करीब 1.15 लाख से अधिक संक्रमित ठीक भी हुए हैं । मास्क ठीक तरह से मुंह और नाक  को ढककर चलें, केवल दिखाने के लिए मास्क लटकाकर न चलें । हाथ धोते रहना, मास्क ठीक से लगाए रखना, देह दूरी और भीड़ से बचाव; ये चार बातें ही तो याद रखनी हैं ।)

      आज धरती के गरम होने की बात करते हैं । वर्ष में दो त्यौहार लकड़ी जलाने के- होली और लोहड़ी परंतु पौध रोपण का एक भी त्यौहार नहीं है यहां । सब बेलपत्री और आम की टहनी मंगाते हैं पूजा में । आज तक किसी ने पूजा के दौरान एक पौध रोपने की बात नहीं कही । ये तो होना ही था । विश्व में आने वाले चक्रवाती तूफ़ान और हिम स्खलन मानव के औद्योगिक विकास और प्रकृति की अनदेखी के कारण हैं । धरती से सब कुछ लेते जाओ, इसे कुछ देने की सोच भी तो बनाओ । वर्ष के 365 दिनों में 5 पेड़ तो रोपो ।

    सालगिरह के दिन, पत्नी के जन्मदिन, बच्चों के जन्मदिन, कोई त्योहार या तिथि के दिन एक पौधा तो रोपो । अब भी जागें तो अच्छा है वर्ना कब मिजाज बिगड़ेगा इस गरम होती धरती का कह नहीं सकते । सहन करने की भी एक सीमा होती है । जिस दिन धरती का धैर्य टूटेगा उस दिन सबकुछ धरा रह जायेगा सिर्फ हम ही नहीं होंगे । हाल ही में बंगाल - ओडिसा में अंफन चक्रवात और गुजरात - महराष्ट्र में निसर्ग चक्रवात इसी प्रकृति के संतुलन के कारण हैं । इसलिए इस चिंतन का गंभीर मंथन करें और पौध रोप कर धरती का श्रृंगार करें ।

पूरन चन्द्र काण्डपाल
07.06.2020

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