Saturday 20 June 2020

Pitru sneh :पितृ स्नेह

मीठी मीठी - 294 : पितृ -स्नेह

( पितृ दिवस पर कुमाऊनी कविता का "बौज्यू " का हिंदी रूपांतर । )

माली की बगिया की तरह


तुमने मुझे संवारा है,


चित्रकार की अनुपम कृति सा


जीवन मेरा निखारा है ।

चाक अंगुली ज्यों कुम्हार की


मिट्टी को जीवित करती,


उसी तरह जीवन की खूबी


तुमने है मुझ में भर दी ।

पाठ गुरु से जो नहीं सीखा


वह सिखलाया है तुमने,


शिक्षक बन कर दीप ज्ञान का


मन में जगाया है तुमने ।

लक्ष्य जीवन का मुझे बताया


स्वावलंबन का पाठ दिया,


सत्य के मारग पर ही हमेशा


चलने का दृष्टांत दिया ।

जब जब रूठा हूं मैं तुमसे


तुम मनाते ही चले गये,


बचपन, यौवन से अब तक तुम


गले लगाते चले गए ।

जब तक प्राण तन में मेरे


स्मृति मन में बनी रहे,


'पितृ देव' की पावन ज्योति


प्रज्ज्वलित मेरे उर में रहे ।

(स्मृति ,लहर' से)


पूरन चन्द्र काण्डपाल


19 जून 2019, पितृ दिवस)


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