Monday 15 June 2020

Manakhiyat thuli : मनखियत सबूं है ठुलि

मीठी मीठी - 472 :  मनखियत सबूं है ठुलि चीज

     कोरोना संक्रमणक य दौर में हमूल समाज में सबूं दगाड़ सहयोग करण चैंछ । जो लोग समाज क सौहार्द कैं बिगाड़नीं ऊँ कबीर, रहीम, बिहारी, रसखान आदि कालजयी कवियों कैं नि जाणन या जाणी बेर लै अनजान बनी रौनी | यूं महामनीषियों ल मनखी कैं इंसान बनूण क लिजी, समाज कैं अंधविश्वास है भ्यार निकाउण क लिजी और सामाजिक सौहार्द कैं बनाइये धरण क लिजी अथाह कोशिश करी | हमार पुरखों ल स्वतंत्रता संग्राम लै मिलि बेर लड़ौ | महत्वाकांक्षा क अंउरों ल सामाजिक सौहार्द कैं बिगाड़ि दे  और य  अंउर कैं हमुकैं गुलाम बनूणी जाते- जाते मजबूती दि बेर देश कैं  खंडित करि गईं | य खंडन ल मजहब कि दिवाल कैं मजबूती मिली और कुछ असामाजिक तत्वों ल नफरत कि नर्सरी में अविश्वासा क डाव जमै बेर उनुकैं जां- तां रोपण शुरू करि दे | वीक ज्ये लै परिणाम हौछ उ बातै कि चर्चा करण कि जरवत न्हैति क्यलै कि सबकुछ हाम आये दिन देखैं रयूं |

     हमार समाज में सौहार्द कैं पाणि दिणी लै मौजूद छीं | कुछ दिन पैली कानपुर में गंगा नदी क बैराज पर नौ लौंड घूमूहैं गईं | उनुमें बै एक झणि सेल्फी ल्हीणा क चक्कर में रड़ि बेर गंगा नदी में घुरी गो और डूबण फैगोय | उकैं बचूण क लिजी से एक क बाद एक सबै दगड़ी नदी में कुदि गाय और डुबैं फै गाय | डूबणियां क शोर सुणि बेर नजीकै रेत में भैटी एक लौंड उनुकैं बचूहैं नदी में कुदि गो | य ई बीच कुछ नाविकों ल तीन लौंड ज्यौनै  भ्यार निकाईं पर उ लौंड लै उनुकैं बचूण क चक्कर में नदी में डुबि बेर आपणि ज्यान गवै भैटॉ | बाद में गोताखोरों ल सात मुर्द भ्यार निकाईं | आपणी ज्यान है हात धुणी रेत में भैटी य लौंड यूं नौ लौंडों कैं नि पछ्याण छी फिर लै उ इनुकैं बचूण क लिजी नदी में कुदि पड़ौ और उनूं कैं बचूण क प्रयास में डुबि गो | बाद में पत्त चलौ कि वीक नाम मक़सूद अहमद छी जो एमएससी में अध्ययनरत छात्र छी |

     जब मक़सूद अहमद गंगा में नौ लौंडों कैं बचूहैं कुद हुनल उ टैम वीक मन में हिन्दू- मुसलमान कि बात नि ऐ हुनलि | उ एक मुस्लिम लौंड छी जैकैं ऊँ नौ लौंडों क बार में क्ये लै पत्त नि छी | बखत कि मांग पर उ  इंसानियत क नात ल नौ इंसानों कैं बचूण क लिजी नदी में कुदौ और खुद पाणि में समै गो | बात -बात में हिन्दू- मुस्लिम कौणियां कैं य बात समझण चैंछ कि हम सबू है पैली इंसान छ्यूं, बाद में कुछ और | मक़सूद क दगाड़ दुसार छै लौंडों क डुबण भौत दुखदायी छ | बाद में पत्त चलौ कि सबै छै मृतक लौंड हिन्दू सम्प्रदाय क छी | एक सेल्फी ल सात बेशकीमती ज्यानों क कहणात करि दी | लोगों ल चौकन्न है बेर सेल्फी ल्हीण चैंछ | अच्याल कएक लोगों कि जिन्दगी सेल्फी क चक्कर में ख़तम हैगे |

     यसिक्ये 18 नवम्बर 1997 हुणि रत्ते साव सात बजी इस्कूली नना कैं ल्ही जाणी एक बस यमुना नदी पर बनी वजीराबाद पुल कि रेलिंग टोड़ि बेर  यमुना नदी में घुरी ग्येइ | य बस में 113 नान और 2 अध्यापक छी | य  दुर्घटना में 28 नान डुबि बेर ख़तम है गाय और 67 नना कैं अस्पताल में भर्ती करी गोय | यूं नना कैं जगतपुरी दिल्ली निवासी गोताखोर अब्दुल सत्तार खान ल पाणि में बै भ्यार निकावौ | सत्तार ल लगातार 5 घंटे तक ठंड पाणि में डुबकि लगै और 50 नना कैं बचा और मरी नना क शव भ्यार निकाईं | यतू मेहनत क साथ 50 नना क जिन्दगी बचूण क बाद सत्तार ल कौ, “अल्लाह ल हुनर दि रौछी तबै यूं नान बचाईं | मीकैं 28 नना कैं नि बचै सकण क भौत मलाल छ |” सत्तार मुसलमान छी पर उ ज्यौन बचाई नना क लिजी एक “इंसान ना फ़रिश्ता बनि बेर आछ”, यूं शब्द ऊँ अभिभावकों क छी जो आपण ज्यौंन नना दगै अंग्वाव किटि बेर कौं रौछी |  काश ! हम सबूं है पैली  एक भाल इंसान बनि बेर सामाजिक सौहार्द कैं सिंचण क काम करि सकना !

पूरन चन्द्र काण्डपाल
16.06.2020

No comments:

Post a Comment