मीठी मीठी - 473 : बहुत कम लोग ऐसा कर सकेंगे ?
आज उस छोटी सी सत्य कथा की बात करना चाहता हूं जिसे बहुत कम लोग ही क्रियान्वित कर सकेंगे । हमने दूसरे को खुशी देने के लिए खुद की खुशी को कुर्बान करना सिनेमा में कई बार देखा है । जमीन में ऐसा कम ही देखने को मिलता है । हमने ऐसे कई पति देखें हैं जो सोचते हैं कि बढ़ती उम्र में पत्नी उनसे पहले निकल जाए तो अच्छा ताकि उन्हें यह संताप नहीं रहे कि उम्र के पड़ाव पर पति के बिना कहीं पत्नी की दुर्गति न हो जाय । चिंता से कुछ होना-जाना नहीं है । मृत्यु तो अपने समय पर ही आएगी । वैसे भी दोनों में से एक पहले तो जाएंगे । दोनों एक साथ जाते कम ही देखे - सुने गए हैं ।
एक जवान नवविवाहित पति ने जिंदादिली का एक नायाब नमूना कुछ महीने पहले पेश किया । कानपुर देहात क्षेत्र में एक युवा की शादी हुई । युवा पति को महसूस हुआ कि उसकी पत्नी खुश नहीं है । पति द्वारा नवविवाहिता पत्नी से पूछने पर पता चला कि पत्नी किसी अन्य लड़के से प्यार करती है और उसके बिना रह नहीं सकती । अभिभावकों ने उसकी शादी वर्तमान पति से उसकी इच्छा के विपरीत कर दी । इस युवा ने अपनी इस पत्नी का अंग भी स्पर्श नहीं किया ।
इस युवक को पत्नी की बात पर संदेह हुआ फिर भी उसने इस मामले की स्वयं जांच की । इस युवक ने पत्नी की बात को सत्य पाया औऱ काफी मशक्कत के बाद अपने घर वालों को राजी कर लिया कि वह अपनी पत्नी की शादी उसके प्रेमी से कर देगा । उसने स्थानीय पार्षद के सहयोग से सार्वजनिक तौर पर एक मंदिर में अपनी पत्नी की शादी उस लड़के से कर दी और खुशी खुशी अपनी पत्नी को उसकी खुशी के लिए विदा कर दिया । क्षेत्र के लोगों ने भी इस आयोजन में खुशी खुशी भागीदारी दी ।
यह काम बहुत कठिन था । बड़ी मुश्किल से तो इस युवक की शादी हुई थी । खर्च भी हुआ था । अंत में कहानी कुछ इस तरह मोड़ खा गई कि उसके दिल में एक ऐसा जख्म कर गई जिस जख्म के दर्द की कसक उसने अपने चेहरे पर नहीं आने दी । जिंदादिल तो निकला यह युवक । हम दुआ तो कर ही सकते हैं कि इस युवक की शादी की शहनाई जल्दी गूंजे और उसे खोई हुई खुशी पुनः मिले ।
पूरन चन्द्र काण्डपाल
19.06.2020
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