खरी खरी - 142 : नना क जनम दिन
नना क जनम दिन
धूमधाम ल मनूं रौछा,
पै जगी दियां कैं
क्यलै निमूं रौछा?
यौ उल्ट काम
करणियां कैं समझौ,
निमाण नि द्यो दी
ओट बनि ठाड़ है जौ ।
मै-बाब आब नना हैं
क्ये कूण नि राय,
क्ये करण छै, कां जां रछै
पुछण नि राय,
गांधारी-धृतराष्ट्र चार
अण देखी नि करो
नान दुर्योधन बनि जाल
यतु ज्यादै नि डरो ।
पूरन चन्द्र काण्डपाल
15.12. 2017
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