Thursday 7 December 2017

Bigade bol : बिगड़े बोल (बीनञ)

खरी खरी - 138 : चुनावी मुद्दे बनाम बिगड़े बोल (व्यंग्य)

   चुनाव के मौसम में टेलीविजन ऐंकर के अगल - बगल  दो दलों के दो कंडीडेट हैं तथा सामने जनता बैठी है ।

ऐंकर- आज के इस 'ठूँ - ठां' कार्यक्रम में हमारे साथ हैं  'खुर्ची पार्टी'  के डोरेमल जी और 'घुर्ची पार्टी' से हैं  टोरेमल जी । ये दोनों बारी बारी से आपके सामने जनहित के मुद्दे रख कर आपसे वोट मांगेंगे । पहले खुर्ची पार्टी के डोरेमल जी बोलेंगे -

डोरेमल - देखिए , घुर्ची पार्टी के पास कोई कार्यक्रम नहीं है । ये जनता को धोखा देते आये हैं । इस बार भी धोखा देंगे । इनको वोट मत देना ।

टोरेमल - अबे जुबान संभाल के बोल बे लुच्चे । नाली के कीड़े, कुत्ते की दुम, मोटी खाल वाले । अबे हम कभी गाली नहीं देते । गाली देना तुम्हारा चरित्र है बंदर की पूंछ ।

डोरेमल- अबे चुप बे टुच्चे । तुम्हारा चाल, चरित्र, चेहरा सब जानती है जनता । चोर, बेईमान, दगाबाज, लुटेरे कहीं के । जनता बताएगी तुझे थाली के बैगन । फिमका की औलाद ।

टोरेमल- अबे चुप बे लुच्चे । पाखंडी, डपोरशंख, क्यों जोर से भौंकता है ? जनता सिखाएगी तेरे को सबक । बेपैंदे के लोटे । ढिमका की औलाद ।

ऐंकर - ( हल्की आवाज में ) मजा आ रहा है । ऐसे ही बोलते रहो । कुछ और बढ़िया गाली देते तो हमारे चैनल की टीआरपी और ज्यादा बढ़ती । (अब ऐंकर जोर से बोला)  भाई डोरे जी और भाई टोरे जी, देखो जनता आप दोनों को देख रही है । गाली- गलौज में पार्लियामेंट्री  भाषा बोलने की कोशिश करो ।

डोरेमल - ये क्या बोलेगा ? भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे हैं ये लोग । ये खा गए देश को । लूट डाला इन्होंने । चुपचाप अपना घर भर रहे हैं ये । जनता दिखाएगी इनको ठिंगा ।

टोरेमल - अबे भ्रष्ट मुझे आकंठ डूबा बता रहा है । तेरी पार्टी तो सिर तक डूब गई है भ्रष्टाचार में । आंखों में धूल झोंक कर जनता का खून चूस लिया तुमने । इस बार एक भी सीट नहीं मिलेगी तुमको । सूपड़ा साफ हो जाएगा तुम्हारा ।

ऐंकर - (हंसते हुए ) इससे पहले मैं ब्रेक  में जाऊं, जनता से बहुत जल्दी एक छोटा सा कॉमेंट ले लेते हैं । जनता बताए, आप किस पार्टी को वोट दोगे ?

जनता - इन दोनों द्वारा एक - दूसरे को दी गई गाली सुनकर हमारा दिमाग घूम गया है । आपकी टीआरपी जरूर बढ़ गई ऐंकर साब । मुद्दे की बात तो एक भी नहीं हुई । शिक्षा, रोजगार, पानी, सड़क, बिजली, किसान, दुकान और स्वास्थ्य पर तो ये दोनों कुछ भी नहीं बोले । आपस में ही गाली ही देते रहे एक दूसरे को । समझ में नहीं आ रहा है कि किस गाली पर किस को वोट दें ?  ऐंकर साब ये तो बता देते ईवीएम मशीन में नोटा का बटन भी है क्या ?

ऐंकर - मुझे डायरेक्टर द्वारा बार बार  ब्रेक लेने को कहा जा रहा है । ब्रेक के बाद मिलते हैं । दोनों मेहमानों से गुजारिश कि तब तक कुछ चटपटी सी धमाकेदार गालियां और सोच लेना जी। मिलते हैं ब्रेक के बाद ।

जनता - कान पक गए इनकी ये बेमुद्दे की चिल्लापौं सुनकर । एक भी बात नहीं कही इन्होंने कि ये हमारे लिए क्या करेंगे । बंद करो ये टीवी... खां म खां सिर दर्द हो गया यार...

(टेलीविजन बंद कर दिया जाता है।)

नोट - कृपया प्रजातंत्र में वोट जरूर दें । वोट देना हमारा संवैधानिक अधिकार है ।

पूरन चन्द्र काण्डपाल
08.12. 2017

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