Thursday 14 December 2017

Milawat : मिलावट का धंधा

खरी खरी - 141 : अरे ओ मिलावट के धंधे वालो !

हल्दी में खड़िया
धनिए में लीद,
काली मिर्च में
पपीते के बीज,
मिर्च में लकड़ी का
बुरादा मिला है,
हर मसाले में मिलावट
का सिलसिला है ।

चावल में कंकड़
दाल में पत्थर,
आटे में मिट्टी
लगती है चर चर,
घी-तेल मिलावट से
हो गए बदतर,
अंदर से कुछ भी हो
खुशबू है ऊपर ।

शरबत में शकरीन
मिठाई में रंग है,
हर पकवान मिलावट
के रंग से भरा है,
लगता हरित है
रंग जिस भाजी का,
असली नहीं वह
नकली हरा है ।

'वर्क' मिठाई जो
ओढ़े हुए है,
ज़हर अपने में वह
जोड़े हुए है,
बर्फी में आलू
समाया हुआ है
दूध में रसायन
मिलाया हुआ है ।

अरे ! ओ मिलावट
के धंधे वालो !
इस कुकृत्य से
अपना मन मोड़ो,
होगी एक दिन
दुर्गति तुम्हारी,
हैवानियत के इस
धंधे को छोड़ो ।

पूरन चन्द्र काण्डपाल
13.12. 2017

No comments:

Post a Comment