Sunday 10 December 2017

Anndata krishak : अन्नदाता कृषक

मीठी मीठी - 51 : अन्नदाता कृषक 

कृषक तेरी ऋणी रहेगी 
सकल जगत की मानवता,
यदि न बोता अन्न बीज तू, 
क्या मानव कहीं टिक पाता ?

जीवन अपना मिटा के देता
 है तू जीवन औरों को,
सुर संत सन्यासी गुरु सम,
 है अराध्य तू इस जग को |

धन्य है तेरे पञ्च तत्व को
 जिससे रचा है तन तेरा,
नर रूप नारायण है तू 
तुझे नमन शत-शत मेरा |

पूरन चन्द्र काण्डपाल
10.12. 2017

 

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