Saturday 30 May 2020

Press ki nishpakshta : प्रेस की निष्पक्षता

खरी खरी - 636 : प्रेस की निष्पक्षता

     (आज लौकडाउन का 68/68वां दिन है । 68 दिन का लौकडाउन 31 मई 2020 को पूरा हुआ । संक्रामक रोग कोरोना पूरे विश्व में बढ़ते जा रहा है । आज तक विश्व में कोरोना संक्रमित/मृत संख्या 61.53+/3.70+ लाख और देश में यही संख्या 1.81 लाख+/5.1+ हजार हो गई है । देश में करीब 71 हजार से अधिक संक्रमित ठीक भी हुए हैं । मास्क ठीक तरह से मुंह और नाक  को ढककर पहनिए । कुछ लोग केवल दिखाने के लिए मास्क लटकाकर चल रहे हैं । कोरोना को हराइए । जीतेगा भारत, हारेगा कोराना ।)

      प्रेस स्वतंत्रता की स्वतंत्रता बनी रहे और प्रेस बेझिझक अपनी बात कहे तथा प्रेस की गुणवत्ता एवं उस पर विश्वास बना रहे ।  प्रेस लोकतंत्र का चौथा स्तंभ होने के नाते निडर, निर्भीक और निष्पक्ष बना रहे तभी हमारे देश का हित होगा और प्रजातंत्र मजबूत रहेगा ।

     वर्तमान में कई बार हम देखते हैं कि प्रेस निष्पक्ष नहीं होती । हमने हाल का  चुनाव प्रचार देखा । ऐसा लग रहा था कि प्रिंट और दृश्य-श्रवण मीडिया कई बार प्रायोजित प्रचार कर रहा है । साक्षात्कारों में मन चाहे प्रश्न पूछे या पुछवाये जा रहे हैं । किसी दल की बात अधिक तो किसी की कम होती है । कार्टून के माध्यम से भी जो बात कही जाती है उसमें कई टीवी चैनलों द्वारा एकतरफा बात कही जाती है अर्थात दूसरे दल या व्यक्ति का उपहास किया जाता है । स्पष्ट दिखाई देता है कि चैनल एकतरफा पक्षकार हो गया है ।

     प्रेस की स्वतंत्रता का मूल मंत्र है निष्पक्षता । हम आशा करते हैं कि हमारे देश की प्रेस स्वतंत्र रहे, अपनी नैतिकता समझे, अपनी आचार संहिता बनाये और राष्ट्रहित में अपना कर्तव्य निभाये । साथ ही जो समाचार पत्र या मीडिया चैनल जेबी बन गए हैं वे जेब से बाहर आकर जनहित में कार्य करें और किसी एक के दब्बू बनकर न रहें । यदि मीडिया दब्बू बन कर रहा तो लोग दुखित -व्यथित होकर कहेंगे कि हमारे देश की प्रेस और मीडिया बिक गए हैं  ।

पूरन चन्द्र काण्डपाल
31.05.2020

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