Monday 25 May 2020

Kargil yuddh ki yaad : कारगिल युद्ध की याद

खरी खरी - 635 : आज कारगिल युद्ध की याद 

   (आज लौकडाउन का 63/68वां दिन है । 68  दिन का लौक डा उन 31 मई 2020 को पूरा होगा । संक्रामक रोग कोरोना पूरे विश्व में बढ़ते जा रहा है । आज तक विश्व में कोरोना संक्रमित/मृत संख्या 55.87+/3.47+ लाख और देश में यही संख्या 1.44 लाख+/4.1+ हजार हो गई है । करीब 54 हजार से अधिक संक्रमित ठीक भी हुए हैं । मास्क ठीक तरह से मुंह और नाक  को ढककर पहनिए । कुछ लोग दिखाने के लिए सिर्फ लटकाकर चल रहे हैं । कोरोना को हराइए । जीतेगा भारत ।)

         ( स्वच्छता हमारी सबसे बड़ी सामाजिक जिम्मेदारी है । जबसे लौकडाउन शुरू हुआ लोगों ने कूड़ा पार्कों में डालना शुरू कर दिया है । लगभग सभी पार्क कूडादान बन गए हैं । सबसे दुखद बात यह है कि मजदूर तो मजबूरी में रोते - बिलखते अपने गांवों को पलायन कर रहे हैं परन्तु शहरों में भी लोग कोरोना को गंभीरता से नहीं ले रहे ( विशेषतः युवा पीढ़ी )। परिणाम स्वरूप आज 63 वें दिन देश में कोरोनाआ संक्रमितों की संख्या 144000 को पार कर चुकी है और 4100 से अधिक ग्रास बन चुके हैं । यदि हम इसे बीमारी को नहीं समझेंगे और मनमानी करते रहेंगे तो देश को बहुत गंभीर संकट से गुजरना पड़ सकता है । सभी अपनी जिम्मेदारी निभाएं ।)

          कारगिल युद्ध ( 1999)  जिसमें हमारे पांच सौ से अधिक सैनिक शहीद हुए उस मुशर्रफ की देन थी जो इस युद्ध से पहले भारत आया था और ताजमहल के सामने अपनी बेगम के साथ बैठ कर फोटो खिचवा कर चला गया | देश के सभी तांत्रिकों ने उस पर मिलकर कोई तंत्र क्यों नहीं किया ? हमारी सीमा पर वर्ष 1989 से अब तक आये दिन उग्रवादी घुसपैठ करते आ रहे हैं | विगत 30 वर्षों में उग्रवाद के छद्म युद्ध में हमारे हजारों सुरक्षाकर्मी शहीद हुए हैं | 

     देश के सभी ज्योतिषी, ग्रह- साधक, तंत्र विद्या और काला जादू में स्वयं को माहिर बताने वाले इस पाक प्रायोजित छद्म युद्ध को क्यों नहीं रोकते और उग्रवादियों पर अपना प्रभाव क्यों नहीं दिखाते ? ये लोग थार के तप्त मरुस्थल में कभी एकाद बारिश ही करा देते | ये सब अंधविश्वास के पोषक हैं और अज्ञान के अन्धकार में डूबे लोगों को अपने शब्द जाल से लूटते हैं | दूसरे शब्दों में ये अंधभक्तों को उल्लू और उल्लुओं को अंधभक्त बनाते हैं |

(26 मई 1999 को कारगिल युद्ध की शुरुआत हुुई जो 26 जुलाई 1999 को समाप्त हुआ । इस युद्ध में हमारे 500 से अधिक सैनिक शहीद हुए । इन शहीदों को शत शत नमन और जयहिंद के साथ बहुत बड़ा सलूट ।)

पूरन चन्द्र काण्डपाल
26.05.2020

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