Thursday 28 May 2020

Jate samay do रोशनी : जाते समय दो रोशनी

मीठी मीठी - 463 : जाते समय किसी की दे जाओ रोशनी

  (आज लौकडाउन का 66/68वां दिन है । 68  दिन का लौक डा उन 31 मई 2020 को पूरा होगा । संक्रामक रोग कोरोना पूरे विश्व में बढ़ते जा रहा है । आज तक विश्व में कोरोना संक्रमित/मृत संख्या 59.04+/3.62+ लाख और देश में यही संख्या 1.65 लाख+/4.65+ हजार हो गई है । करीब 65 हजार से अधिक संक्रमित ठीक भी हुए हैं । मास्क ठीक तरह से मुंह और नाक  को ढककर पहनिए । कुछ लोग दिखाने के लिए सिर्फ लटकाकर चल रहे हैं । कोरोना को हराइए । जीतेगा भारत ।)

      मृत्यु के बाद आँख की एक झिल्ली (कार्निया) का दान होता है । लोग मृत्युपरांत नेत्रदान इसलिए नहीं करते क्योंकि वे सोचते हैं मृतक के आंखों पर गढ्ढे पड़ जाएंगे । मृतक के चेहरे पर कोई विकृति नहीं आती । हमारे देश में लगभग 11 लाख दृष्टिहीन कार्निया की प्रतीक्षा कर रहे हैं और प्रतिवर्ष लगभग 25 हजार दृष्टिहीनों की बढ़ोतरी भी हो रही है ।

     कार्निया आंख की पुतली के ऊपर शीशे की तरह एक पारदर्शी झिल्ली होती है । कार्निया का कोई कृत्रिम विकल्प नहीं है । एक नेत्रदान से दो दृष्टिहीनों को रोशनी मिल सकती है । किसी भी मृतक का नेत्रदान हो सकता है भलेही वह चश्मा लगता हो, शूगर केस हो, मोतियाबिंद ऑपरेटेड हो अथवा उच्च रक्तचाप वाला हो । मृतक के आंखों पर तुरंत एक साफ कपड़े की गीली पट्टी रख देनी चाहिए ताकि कार्निया सूखे नहीं ।

      कैसे होगा नेत्रदान ?  परिवार के सदस्य अपने मृतक का नेत्रदान कर सकते हैं । मृत्यु के 6 से 8 घंटे के दौरान नेत्रदान हो सकता है । सूचना मिलते ही नेत्रबैंक की टीम बताए स्थान पर आकर यह निःशुल्क सेवा करती है । 15- 20 मिनट में मृतक का कॉर्निया उतार लिया जाता है । नेत्रदान एक पुण्यकर्म है । इस पुण्य की चर्चा परिजनों से करनी चाहिए और नेत्रदान में कोई संशय नहीं होना चाहिए । याद रखिये -

आंख चिता में जाएगी
तो राख बन जाएगी,
आंख कब्र में जाएगी
तो मिट्टी बन जाएगी,
यहां से विदा लेते समय
नेत्रों का दान करदो,
किसी को अंधकार में
रोशनी मिल जाएगी ।

(नेत्रदान के लिए कृपया 8178449226 /011-23234622 गुरु नानक नेत्र केंद्र नई दिल्ली से संपर्क किया जा सकता है ।)

पूरन चन्द्र काण्डपाल
29.05.2020

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