Thursday 21 May 2020

Mandir sab jai sakani : मंदिर सब है सकनी

दिल्ली बै चिठ्ठी ऐ रै

मंदिर में सबै जै सकनी

  (सर्वधर्म समभाव वाल हमार देश में अच्याल कोरोना वजैल मंदिर बंद छीं । विश्व में 51.36 लाख है ज्यादा लोग कोरानाल संक्रमित है गईं और 3.31 लाख लोग दिवंगत है गईं । हमारा देश में लै 1.14 लाख बीमार और 3.4 हजार मृत है गईं । लौकडाउनक  नियम मनिया और आपण बचाव कारिया ।)



        सर्वधर्म समभाव वाल हमार देश में हिन्दू धर्म क चार मठाधीश छीं जनू हैं हाम शंकराचार्य कौनूं| उत्तर में जोशीमठ (उत्तराखंड), दक्षिण में सृन्गेरी (कर्नाटक), पूर्व में पुरी (ओडिशा) और पश्चिम में शारदापीठ द्वारका (गुजरात) | यूं चारों पीठाधीशों में हिन्दू समाज कि भौत श्रधा छ ।


 

          कुछ महैण पैली स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ज्यू कि टेलिविजन पर द्वि विवादास्पद टिप्पणि देखण- सुणण में आईं जनूं कैं पुर देश में अखबारों ल खूब बढ़ि- चढ़ी बेर छापौ | यूं द्विये टिप्पणियों पर लोगों में रोष देखण में आछ | स्वामी ज्यू ल पैल टिप्पणी हरिद्वार में करी जमें उनूल स्यैणियों द्वारा महराष्ट्र क शनि शिगनापुर मंदिर में प्रवेश कैं य कैते हुए गलत बता कि “शनि पूजा करन ल स्यैणियों कि मुसीबत बढ़ि जालि और उनार खिलाफ बलात्कार और छेड़खानी जास अपराध बढ़ जाल |” स्वामी ज्यूल दुसरि टिप्पणी में शिरडी क साईबाबा कि पुज कैं गलत बताते हुए कौ, “साई कि पुज करण गलत च जबकि वास्तविक भगवानों कि अनदेखी करी जांरै और य ई वजैल महाराष्ट्र में अकाव पड़ि रौछ |”

 

         स्वामी ज्यू कि द्विये टिप्पणियों वजैल लोग नाराज हईं । स्यैणियां ल यै कैं ‘घटिय हरकत और अपमानजनक’बताते हुए कौ कि स्वामी ज्यू कैं स्यैणियां हूं बै माफि मांगण चैंछ | कएक महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ल यैकैं संविधान क अपमान बताते हुए प्रदर्शन करण कि बात लै करी | लोग सवाल पूछें रईं कि उत्तराखंड में हर साल कि मौसमी त्रासदी और 2004 में दक्षिण भारत कि सुनामी के क्या कारण छी जमें सोलह हजार है ज्यादै अधिक भारतीय मारी गईं |

 

     उथा सबरीमाला मंदिर में स्यैणियां क प्रवेश पर पाबंदी कैं सर्वोच्च न्यायालय ल मंदिर ट्रस्ट हुणि पुछौ छ कि य संवैधानिक तौर गलत परंपरा छ, य लैंगिक भेदभाव छ | मै कैं मंदिर में जाण है कसी रोकी सकूं ? भगवान त स्यैणि –मैंस में क्ये भेदभाव नि करन | क्ये क्वे स्यैणि कैं दुनिय क सबू है ठुल पहाड़ माउंट ऐवरेस्ट में चढ़ण है रोकी जै सकंछ ?

 

     हमर मानण छ कि स्यैणियां कैं हेय नजर ल देखण, उकैं कमजोर या अपवित्र मानण य मैंसों कि मानसिक संकीर्णता छ| स्यैणि सृष्टि कैं जन्म दिणी छ, पवित्र छ, सहनशील और शक्ति कि पछ्याण छ| वी दगै नफ़रत करण या उकैं अपमानित करणी समाज सांचि बाट कैं समझण में भूल करै रौ और गर्त में जारौ| सर्वोच्च न्यायालय कि टिप्पणी स्वागत योग्य और वन्दनीय छ | स्वामी ज्यूल आपणि बातक दुबार मंथन करण चैंछ ताकि समाज में श्रधा यथावत बनी रौ और आपू कैं लोग स्यैणिय विरोधी प्रचारित नि करै | क्वे साई बाबा कैं मानो या कबीर कैं, राम कैं मानो या रहीम कैं, य श्रद्धाक सवाल छ| श्रधा या अंधश्रद्धाक अंतर कैं केवल ज्ञान और तथ्योंक द्वारा विनम्रताक साथ हाम कैकै सामणि धरि सकनूं |

 

पूरन चन्द्र काण्डपाल, 

21.05.2020

 

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