खरी खरी - 215 : भूलो नहीं शहीदों को
भूलों नहीं शहीदों को
उन्हें दिल में बिठाओ,
लौट के घर नहीं आये
यह इतिहास गिनाओ,
यह इतिहास गिनाओ
कर दिए प्राण न्यौछावर,
चढ़े भेंट कर्तव्य पथ
सिर कफ़न बांध कर,
कह 'पूरन' हर बरस
शहीद- चिता को छूलो,
परिजन शहीद रहे स्मरण
निज कर्तव्य न भूलो ।
पूरन चन्द्र काण्डपाल
11.04.2018
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