Monday 2 April 2018

AApani bhasha ki baat : आपणि भाषा कि बात

मीठी मीठी - 96 : आपणि भाषा कि बात

    बेई 30 मार्च 2018 हैं हमरि भाषा क तीन प्रमुख साहित्यकार सर्वश्री ललित केशवान ज्यू, दिनेश ध्यानी ज्यू और रमेश हितैषी ज्यू ल कुछ टैम म्यार दगाड़ बिता । यूं तीनों क घर पर औण भौत भल लागौ । गपसप -चर्चा में हमरि भाषा छाइये रैछ । ध्यानी ज्यू उत्तराखंड लोक भाषा साहित्य मंच दिल्ली क संयोजक लै छीं ।  केशवान ज्यू, ध्यानी ज्यू और हितैषी ज्यू क भौत- भौत आभार और धन्यवाद ।

      हमरि भाषा कुमाउनी और गढ़वालि आजि तक संविधान क आठूं अनुसूची में नि पुजि रइ । अब तक हमरि भाषा क चार साहित्यकारों कैं साहित्य अकादमी भाषा पुरस्कार लै मिलि गो जबकि लाख कोशिश करण पर लै उत्तराखंड में हमरि भाषा अकादमी नि बनि रइ । 10 मुख्यमंत्रियों कि सरकार क क्वर आश्वासन ल हमेशा हमौर क्वथोव जरूर भरियौ । 

     दिल्ली सरकार ल लै हमूकैं हमरि भाषा अकादमी बनूण क आश्वासन दि रौछ । हमर प्रयास लै चलि रौ । कुमाउनी और गढ़वालि साहित्यकारों हैं निवेदन छ कि कलम रोकिया झन । पाठकों हैं लै निवेदन छ कि हमार पास साहित्य कि कमी न्हैति पर सबूं क घर में कुछ किताब तो हमार साहित्य क जरूर हुण चैनी ताकि हाम आपणि भाषा कि चर्चा आपण नानतिना हैं करि सकूं । सबै लोग आपणि भाषा में बात करनी, हमूल लै आपणि भाषा में बात करण में नि शर्माण चैन । भाषा व्यवहार में रौण चैंछ । उम्मीद छ हमरि बात पर सबै मितुर गौर कराल । धन्यवाद ।

पूरन चन्द्र काण्डपाल
31.03.2018

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