Saturday 28 April 2018

AIIMS एम्स दिल्ली

खरी खरी - 227 : एम्स (AIIMS) में आये दिन बखेड़ा

     देश की राजधानी स्थित एम्स (आल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस अर्थात अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) के रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल कल तीन दिन के बाद 28 अप्रैल 2018 को समाप्त हो गई । रेजिडेंट्स डाक्टर ऐसोसिएसन एम्स प्रशासन से आर पी सेंटर के प्रमुख डा. अतुल कुमार को हटाने की मांग कर रहे थे ।  बताया जा रहा है कि 25 अप्रैल की सुबह डा. कुमार ने एक जूनियर डाक्टर को थप्पड़ जड़ दिया था । ऐसोसिएसन ने डा. कुमार द्वारा सार्वजनिक माफी मांगने, उन्हें प्रमुख के पद से हटाने और पुलिस में मामला दर्ज करने की तीन प्रमुख मांग रखी थीं ।

     एम्स की इस बेमियादी हड़ताल से करीब 350 सर्जरी रद्द हो गई और ओपीडी के लगभग 6700 कार्ड अनदेखे रह गए । एम्स में बड़ी मुश्किल से कई महीनों के बाद चिकित्सा का नम्बर आता है । भुक्तभोगी इस हड़ताल से परेशान रहे और विलाप करते रहे । उन्हें डॉक्टरों के प्रति बहुत गुस्सा रहा ।

     अक्सर सरकारी अस्पतालों में आये दिन हड़ताल का नजारा देखने को मिलता है । किसी न किसी कारण से डॉक्टर, नर्स, पैरा मेडिकल स्टाफ, सुरक्षा स्टाफ या सफाई स्टाफ अस्पतालों में हड़ताल करते रहते हैं जिससे अंततः रोगियों को ही खामियाजा भुगतना पड़ता है । रोगियों की समस्या को समझते हुए सरकार/प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इन संस्थानों में किसी भी हालात में हड़ताल न हो ।  देश के कोने -कोने से आये रोगी अपना मन मसोस कर कह रहे हैं, 'अंधेर नगरी चौपट राजा ।' किसी भी प्रकार की हिंसा निन्दनीय है । इस मुद्दे को फिलहाल सुलझाने में तीन दिन लग गए और दुःखित- व्यथित रोगियों को राहत मिलने की उम्मीद है ।

पूरन चन्द्र काण्डपाल
29.04.2018

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