Saturday 13 February 2021

Prem diwas 14 Feb : प्रेम दिवस 14 फरवरी

खरी खरी - 789 : प्रेम दिवस 14 फरवरी

'प्रेम दिवस' हर रोज हो,
एक दिन का 'रोज' नहीं।

एक सप्ताह से 'प्रेम' का बाजारीकरण हो रहा है । हमारे देश में प्रेम की बात

रहीम ने कही-

'रहीमन धागा प्रेम का,
मत तोड़ो चटकाय ।
टूटे तो फिर ना जुड़े,
जुड़े गांठ पड़ जाए ।।

कबीर ने भी कहा-

पोथी पढ़ि पढ़ि जुग मुआ,
पंडित भया न कोय ।
ढाई आखर 'प्रेम' का,
पढ़े सो पंडित होय ।।

मीरा बोली-

हे री मैं तो प्रेम दीवानी
मेरा दर्द न जाने कोय...

     'प्रेम' को समझने, महसूस करने और निभाने की समझ होनी चाहिए चाहे वह जिससे भी हो । तीसरी सदी के रोमन संत वेलेंटाइन ने भी प्यार, समरसता, सौहार्द  से रहने का संदेश दिया था जिनके नाम से 14 फरवरी को प्रतिवर्ष प्रेम दिवस मनाया जा रहा ।  जो ये दिखावे का पागलपन, खुलेआम आलिंगन, खुलेआम स्पर्श, खुलेआम गलबहियां, खुलेआम कामसुख और हर साल नया प्रेमी बदलने के रिवाज -समर्थन में जो ढोल बज रहा है इसकी हलकान में बौराये युवजन ही आते हैं और नशा उतरने तक ही झूमते रहते हैं तथा हकीकत सामने आते ही लुप्त हो जाते हैं 'तारा ज्यों प्रभात । इस पागलपन से कुछ लोगों को जरूर लाभ होता जिसे हम प्यार का बाजारीकरण कहते अन्यथा प्यार कोई बाजार की वस्तु से नहीं जो खरीदी जा सके । 'प्यार का नाम बदनाम न करो...देखो ओ दिवानों....

पूरन चन्द्र काण्डपाल
14.02.2021

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