Tuesday 9 February 2021

Jadon se judaav : जड़ों से जुड़ाव

मीठी मीठी - 567 : जड़ों से जुड़ाव

     उत्तराखंड से मेरे जैसे हजारों/लाखों लोग रोजगार की खोज में ही घर से निकले, कार्य ढूंढा, अथक परिश्रम किया और अपने कर्मक्षेत्र के शहर में आशियाना बनाकर रहने लगे परंतु अधिकांश ने अपने क्षेत्र से जुड़ाव बनाए रखा । कई लोगों के स्मरण में अपना क्षेत्र, अपना विद्यालय और अपने लोग हमेशा बने रहे । मैं ऐसे कई लोगों को जानता हूं जो उत्तराखंड जाते हैं, दुख -सुख में शामिल होते हैं या पूजा आदि संपन्न कराके या देवालयों के दर्शन करके लौट आते हैं । स्नेह, श्रृद्धा और जुड़ाव का सम्मान होना चाहिए ।  मैंने ऐसे कई लेख/कविताएं लिखी जिनमें निवेदन किया कि कम से कम उस विद्यालय के भी दर्शन करते रहें जहां से आपने अक्षर बोध किया, अपनी  शिक्षा की बुनियाद रखी और अगली योग्यता प्राप्त करने के बाद जीवन यापन के पायदान तक चढ़े । मैं भी उन्हीं में से एक हूं और अपने क्षेत्र से जुड़े रहने का एक छोटा सा प्रयास करते आ रहा हूं ।

     हाल ही में मेरा एक ऐसे व्यक्ति के संपर्क हुआ जो अपने क्षेत्र से जुड़कर हमें प्रेरित कर रहे हैं । आप है गुरुग्राम में स्वयं के व्यवसाय में कार्यरत, अपने मूलनिवास और सामाजिक जुड़ाव प्रवृति से ओतप्रोत गहणा (सल्ट, जिला अल्मोड़ा ) निवासी श्री मदन मोहन बिष्ट । बिष्ट जी विगत तीन वर्ष से अपने निकटवर्ती तीन विद्यालयों से जुड़े हैं जिनमें एक विद्यालय राजकीय इंटर कालेज झिमार है जहां से बिष्ट जी ने आरम्भिक शिक्षा प्राप्त की थी । आप इन विद्यालयों के मेधावी विद्यार्थियों को पुरस्कृत कर सभी बच्चों में  प्रतियोगिता की ललक जगाते हैं । उनके इस सामाजिक कृतित्व की सूक्ष्म चर्चा यहां करना चाहूंगा । 

        इस वर्ष  8 फरवरी 2021 को आदर्श राजकीय इंटर कालेज मानिला और राजकीय इंटर कालेज झिमार (कूनहील) में मानिला विकास समिति के तत्वाधान में दिवंगत श्री रतन सिंह बिष्ट मेमोरियल ट्रस्ट के संचालक श्री मदन मोहन बिष्ट जी द्वारा दोनों विद्यालय के वर्ष 2019 -20 में कक्षा 10 वीं और 12 वीं के प्रथम, द्वितीय और तृतीय ( बारह मेधावी विद्यार्थी ) स्थान पाने वाले प्रतिभावान छात्रों को क्रम: 5100/-, 3100/- और 2100/- रुपए की धनराशि और एक प्रमाणपत्र तथा मानिला विकास समिति की ओर से सभी प्रतिभावान छात्रों को स्मृति चिह्न देकर  सम्मानित किया गया ।  साथ ही इनके द्वारा  कक्षा 6, 7, 8, 9, 10 एवं 11वीं कक्षा में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पाने वाले सभी छात्रों को एक -एक स्कूली बैग देकर पुरस्कृत किया गया ।  इसके अलावा सभी छात्रों को मास्क बाटे गए तथा अंत में सभी छात्रों को फल आदि वितरित किए गए । इसके अलावा हिमालयन पब्लिक स्कूल के छात्रों को भी अच्छे अंक लाने के लिए एक एक स्कूली बैग देकर पुरस्कृत किया गया ।

         बिष्ट जी ने केवल उस विद्यालय को ही याद नहीं रखा जहां से उन्होनें बेसिक शिक्षा प्राप्त की बल्कि निकटवर्ती दो अन्य विद्यालयों को भी अपने मन - मस्तिष्क में जगह दी । हो सके तो हमें ऐसे मनीषियों से अवश्य प्रेरणा लेनी चाहिए और उन विद्यालयों की ओर अपनी श्रृद्धा अवश्य रखनी चाहिए जहां से हमें  सामाजिकता,  शिक्षा और संस्कृति का पहला पाठ सीखने को मिला। बिष्ट जी के मस्तिष्क में उपजी इस सोच और सोच के क्रियान्वयन को शुभकामनाओं के साथ नमन ।

पूरन चन्द्र कांडपाल

10.02.2021

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