खरी खरी - 796 : हमारे शोधकर्ता
अंतरराष्ट्रीय संगठन क्लेरिवेट एनालिटिक्स ने दुनिया के सबसे काबिल 4000 (चार हजार ) शोधकर्ताओं (एचसीआर) की लिस्ट जारी की थी । इस लिस्ट में भारत के केवल 10 शोधकर्ताओं का नाम शामिल थे । यह जानकर हैरानी होती है कि इन 10 भारतीयों में केवल 1 ही महिला थी । जहां इस लिस्ट में अमेरिका पहले नंबर पर था तो वहीं ब्रिटेन दूसरे और चीन ने तीसरा स्थान प्राप्त किया । अमेरिका के सबसे ज्यादा 2639 शोधार्थी, ब्रिटेन के 546 शोधार्थी और चीन के 482 वैज्ञानिकों के नाम इस सूची में मौजूद थे ।
हमारे शोधार्थी विश्व या चीन की तुलना में इतने कम क्यों हैं ? स्पष्ट है हम शोध के लिए उचित संशाधन उपलब्ध नहीं करा सकते । हमारे एम्स (AIIMS) सहित किसी भी अस्पताल में, विश्वविद्यालय में या किसी भी शैक्षणिक संस्थान में पूरा स्टाफ भी उपलब्ध नहीं है । स्कूल शिक्षकों की भी कमी किसी से छिपी नहीं है । स्कूलों में समय पर वर्दी और पुस्तकें नहीं मिलती हैं । देश और टी वी चैनलों के पास इन मुद्दों पर चर्चा करने का समय नहीं है और नियत भी नहीं है क्योंकि उनका अधिकांश समय हिन्दू- मुस्लिम, मंदिर - मस्जिद बहश में ही बीतता है । सरकारें जो कहती हैं वह कार्य हो रहा है या नहीं देश को मीडिया से ही सत्य का पता चलता है । देश के टी वी चैनलों से निवेदन है कि राष्ट्रनिर्माण के मुद्दों को भी स्थान दें और सत्य को सामने लाएं तभी भारतमाता की जय होगी ।
पूरन चन्द्र काण्डपाल
26.02.2021
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