Thursday 11 February 2021

Chhota pariwar aur dink : छोटा परिवार और डिंक

खरी खरी - 787 : छोटा परिवार और डिंक

    हमारे देश की जनसंख्या दिनोदिन बढ़ती जा रही हैं जबकि चीन की आबादी अब घटने लगी है | वहां एक जनवरी 2016 से दो बच्चे पैदा करने की अनुमति मिल गयी है | हमारे देश में जनसंख्या बढ़ने का मुख्य कारण अशिक्षा और अन्धविश्वास है | कुछ लोग लड़के की चाह में परिवार बढ़ा रहे हैं | ‘लड़की तो ससुराल चली जायेगी, लड़का बहू लाएगा, साथ में दहेज़ भी लायेगा, वंश चलाएगा, मुखाग्नि देगा, पिंडदान देगा, शराद करेगा’ जैसी अनेकों अतृप्त चाह हम पाले हुए हैं |

       अल्ट्रासाउंड मशीन रोगों के खोज के लिए थी जिसका दुरुपयोग डाक्टर रूपी कुछ कसाई कन्या भ्रूण की हत्या के लिए कर रहे हैं | बेटे के चाह ने उस औरत को पिशाच बना दिया है जो अजन्मी कन्या की हत्या के लिए डाक्टर के सामने लेटती है | बेटी हमारे लिए वह सब कुछ कर सकती है जो पुत्र कर सकते हैं और कर भी रही है | वह अर्थी को कंधा भी दे रही है और चिता को अग्नि भी | आज यदि कुछ वरिष्ठ नागरिक वृधाश्रमों में हैं तो पुत्र की वजह से हैं न कि पुत्री के कारण | देश का स्त्री- पुरुष अनुपात 2011 में 940/1000 था जो अभी भी अस्थिर है | लोगों को समझना होगा कि यदि बेटी मार दी जायेगी तो बहू कहां से आएगी ?

        समाज में परिवर्तन तो आया है | कुछ लोग दो बच्चों तक ही परिवार सीमित रखने लगे हैं, कुछ तो एक ही बच्चे से तृप्त हैं | यहाँ 'लोगों' का अर्थ देश के सभी धर्म- सम्प्रदाय से है | अशिक्षा से ही कहीं-कहीं बहुपत्नी प्रथा अभी भी नहीं उखड़ रही है | जिस दिन देश का प्रत्येक व्यक्ति संतान की अच्छी शिक्षा और परवरिश की ठान लेगा तो फिर वह न तो एक से अधिक विवाह करेगा और न पत्नी पर दो से अधिक संतान पैदा करने के लिए प्रथा- परम्परा के नाम पर दबाव डालेगा | छोटे परिवार के लाभ ही लाभ हैं जबकि बड़े परिवार में दुःख ही दुःख है |

       आजकल एक नई श्रेणी देखने में आ रही है जिसे डिंक (DINK-double income no kids ) कहा जा रहा है | यह दम्पति दोनों जौब करते  हैं और मिलकर खूब कमा भी रहे हैं परन्तु घर में शिशु नहीं आने दे रहे | उनका जबाब है,  "ऐसे ही ठीक है, ऐस कर रहे हैं कौन पड़े लफड़े में, आदि आदि |”  यह उत्तर उचित नहीं है | आप शिक्षित हैं और शिक्षितों से समाज बहुत कुछ सीखता है | यदि आपने निःसंतान रहने का मन बना  ही लिया है तो यह समाज को एक गलत संदेश जाता है | बहुत देरी से संतान का आना या नहीं आना प्रत्येक दृष्टिकोण से अनुचित है | घर की सुनसान दीवारों के बीच किलकारी गूंजने दो, तभी आपकी शिक्षा को सार्थक कहा जा सकता है । आज यूरोप के कुछ देश डिंक श्रेणी से बहुत दुखी हैं क्योंकि उनके देश में जनसंख्या संतुलन बिगड़ रहा है | 

पूरन चन्द्र काण्डपाल,

12.02.2021

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