मीठी मीठी - 570 : ऐगो बसंत - आज बसंत पंचिमी
बजूरै पौन बसंती राग
चौतरफ़ा उडैरै बसंती फाग,
ब्योलि जसि छाजि रै बसोधरा
कैं रंगवाइ पिछौड़ कैं पिङ्गइ पाग।
फूलों में मौ कि है रै बहार
को छ य रंगरेज बन अप्छ्याण,
कैल फोक हुनल य अबीर गुलाल
को बौरै गो आमों कैं लगै तराण।
'पूरन' पुछैं रौ कस य बसंत
लेखण बतूंण कठिन बसंत,
मांघ -फागुण राग बसंत
रितू चैत बैसाग बसंत ।
( सबूं कैं बसंत पंचिमीकि शुभकामना )
पूरन चन्द्र काण्डपाल
16.02.2021
No comments:
Post a Comment