खरी खरी - 783 : चौथूं खंब लतकैं फैगो
प्रजातंत्रक चौथूं खंब पर
भौत भारि खय लैगो
तीन खंबोंल खैंचौ
आपण उज्यां लतकैं फैगो,
लतकैं फैगो ट्यक चैं
को करल येकि समाव
हल चल पुर देश हैरै
भौत ज्यादै उठिरौ उमाव,
कूंरौ 'पूरन' उठ जनता
दै भल अड़ान कर तंत्र
तबै सिद ह्वल चौथूं खंब
सुरक्षित रौल प्रजातंत्र।
पूरन चन्द्र कांडपाल
06.02.2021
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