Monday 8 July 2019

Jal kee barabadi rokiye : जल की बरबादी रोकिए

खरी खरी - 458 :  रोकिए पानी की बर्बादी


     हम नहीं जानते कि अनजाने में हम कितना पानी प्रतिदिन बर्बाद करते हैं । बाल्टी से नहाते तो 18 लीटर पानी लगता जबकि शावर से 100 लीटर लगता है । कपड़े धोने में सीधे नल से 116 लीटर पानी खर्च होता है जबकि बाल्टी से 36 लीटर । शेविंग करने में नल खुला रहता गए तो 5 लीटर पानी चला जाता है जबकि मग से मात्र आधा लीटर पानी से काम हो जाता है । शौचालय में भी बाल्टी से पानी मात्र 6 लीटर लगता है जबकि फ़्लैश से 15 - 20 लीटर । इसी तरह पाईप से फर्श धोने, गाड़ी धोने,  पुष्प गमलों में पानी देने से भी पानी की बहुत बर्बादी होती है जिसे बाल्टी - मग से बखूबी बड़ी किफायत से किया जा सकता है ।

         समाचार के अनुसार देश के कई शहरों से पानी नदारद है । दिल्ली भी जल से जूझने वाला है । 2030 तक 40% भारत और 2040 तक पूरे भारत को पेय जल का संकट भुगतना पड़ सकता है । हमारी सरकारें तो जो भी करेंगी परन्तु प्रत्येक व्यक्ति सोचे कि वह क्या कर सकता है ? हम अपने और परिवार के स्तर पर पानी की बर्बादी रोक सकते हैं और जितना भी हो सके वर्षा जल संचय कर सकते हैं अर्थात वर्षा जल को जमीन के अंदर प्रविष्ट करा सकते हैं तभी भारत माता की जय होगी, वन्देमातरम भी होगी और जयहिंद भी । इस गंभीर चिंता का गंभीरता से चिंतन करते हुए क्रियान्वयन करें ।

पूरन चन्द्र कांडपाल

09.07.2019 

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