खरी खरी - 863 : आज पर्यावरण दिवस - कैसे बचेगी धरती ?
आज पर्यावरण दिवस के अवसर पर धरती को बचाने की बात करते हैं । विकसित देश सबसे अधिक कार्बन उत्सर्जन कर रहे हैं । अत्यधिक कार्बन उत्सर्जन एक न एक दिन इस धरा को ले डूबेगा । समरथ को नहीं दोष गोसाईं । इन्हें रोकने वाला कौन है ? कोई नहीं । वर्ल्ड रिसोर्स इंस्टीट्यूट के अनुसार भारत में पिछले 17 वर्षों में (2001- 2018) 16 लाख हेक्टेयर से अधिक जंगल खत्म हो चुके हैं।
इस हाल में कैसे बचेगी धरती ? वर्ष 2000 में वन आवरण भारत के भौगोलिक क्षेत्र का 12% था जो 2010 में घटकर 8.9% रह गया जबकि कार्बन उत्सर्जन निरंतर बढ़ते रहा । कैसे बचेगी धरती की हरियाली ? विकास के नाम पर पेड़ काटकर धरती को नग्न किया जा रहा है । यह विकास नहीं, विनाश है । यह थमना चाहिए ।
हमने सोसल मीडिया में एक दूसरे को घर बैठे बैठे खूब पौधे भेज दिए हैं और बधाई भी दे दी । पेड़ कितने लोगों ने रोपे यह तो उनकी आत्मा जाने । मैदानी क्षेत्रों में गरमी भी बहुत है । रोपे हुए पेड़ को जीवित रखना जरूरी है । इसलिए जिसने आज 5 जून पर्यावरण दिवस पर पेड़ नहीं रोपा वह दिल से संकल्प करे कि बरसात आते ही वह पौधरोपण कर धरा का श्रृंगार अवश्य करेगा । हमें इस धरती को बचाना है । धरती ने हमें सबकुछ दिया, हमने भी पेड़ लगाकर धरती का ऋण चुकाना है । हम पत्थर या धातु की मूर्ति उसमें भगवान समझकर श्रृद्धा से पूजते हैं । हमें प्रकृति, पेड़, पर्यावरण और नदियों की पूजा करनी चाहिए। यदि ये बच गए तो पृथ्वी बच जाएगी तभी उसमें रह रहे सभी जीव भी बचेंगे।
पूरन चन्द्र कांडपाल
05.06.2021
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