खरी खरी - 873 : चीनी वस्तुओं का वहिष्कार
15 और 16 जून 2020 की रात को लद्दाख क्षेत्र की गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ संघर्ष करते हुए हमारे 20 सैन्य कर्मी वीरगति को प्राप्त हो गए और कई घायल भी हुए । हमारी सेना ने भी दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दिया । सेना की इस शहीदी से देश में चीन के प्रति गहरा रोष देखा गया और कई जगह पर चीनी वस्तुओं का दाह भी किया गया । इस दौरान सोसल मीडिया में चीनी वस्तुओं का विरोध करने की खूब मुहीम चली और पूरे देश में चीन का जम कर विरोध हुआ ।
देश में 20 शहीदों की दहकती चिताओं को देखकर लोग चीनी सामान के वहिष्कार का प्रण कर रहे थे । यह प्रण पूर्ण होना चाहिए । हमें दीपावली या किसी भी त्यौहार पर चीन का कोई सामान प्रयोग नहीं करना चाहिए । हमने चीनी लड़ियां, खिलौने, मूर्तियां, टार्च, लाइटर, कैमरे, इलेक्ट्रिक आइटम्स, पिचकारी, आदि सभी वस्तुएं चीन निर्मित नहीं खरीदनी चाहिए । कोई सरकार हमसे इन चीजों को जबरदस्ती नहीं खरीदवा सकती । चीन की उन वस्तुओं का प्रयोग करना देश की मजबूरी है जिनका उत्पादन हमारे देश में नहीं होता और वे वस्तुएं वर्तमान में परित्यक्त नहीं हो सकती जैसे स्मार्ट फोन आदि । कोरोना काल में भी चीनी वस्तुओं का आयात होने के समाचार सुने गए।
चीन की उन सभी वस्तुओं का वहिष्कार अब बड़ी दृढ़ता से करना होगा जिनके बिना हम रह सकते हैं या जिनका हमारे पास विकल्प है । यदि हम यह सब कर सके तो तभी हम अपने 20 शहीदों का आंशिक ऋण चुका सकेंगे । देश को अपनी कथनी को करनी में क्रियान्वित करना ही होगा तभी चीन को सबक सिखाया जा सकता है । बताया जाता है कि चीन से भारत को जो आयात होता है उसका मात्र चौथाई हिस्सा ही चीन को हमारा निर्यात होता है । इस असंतुलन से हम चीनी वस्तुओं के गुलाम बनते चले गए और चीन अपनी दादागिरी दिखाते गया । चीनी सामान नहीं खरीदने से उसकी दादागिरी समाप्त हो सकती है।
पूरन चन्द्र कांडपाल
22.06.2021
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