Saturday 19 June 2021

Ganga Dashhara : गंगा दशहरा

खरी खरी - 872 : गंगा दशहरा

      आज 20 जून 2021 को गंगा दशहरा पर कुछ लोगों ने सोसल मीडिया में द्वार पत्र पोस्ट किया है । पौराणिक कथा के अनुसार इस दिन पृथ्वी पर गंगा का अवतरण हुआ । श्रद्धा को नमन और गंगा को नमन । आज हम जानते हैं कि गंगा गोमुख से निकल कर 2525 कि मी की 5 राज्यों में यात्रा करते हुए गंगा सागर में समा रही है । गंगा को पापनाशिनी- मोक्षदायिनी भी कहा जा रहा है । गंगा सहित सभी नदियों का हमने कूड़ा, गन्दगी और विसर्जन के नाम पर सबकुछ डाल कर बुरा हाल कर दिया है ।

     कोरोना की दूसरी लहर में (अप्रैल उत्तरार्ध - मई पूर्वार्ध 2021 ) लोगों ने श्मशानों में जगह न मिलने के कारण गंगा में शव विसर्जित कर दिए जो तैर कर कई शहरों के घाटों पर आ गए। जब इन पर मीडिया की नजर पड़ी तब प्रशासन ने इस ओर ध्यान दिया और शवों का भू -विसर्जन किया बताया जाता है। बनारस - प्रयाग जैसे शहरों के किनारे गंगा के तटों पर हरे रंग की काई या शैवाल जमने से नदी तट ही हरा दिखाई देने लगा । इस शैवाल को छुटाने के लिए अब कुछ रसायन विदेश से मंगाए जाने के समाचार हैं। इस बीच वैज्ञानिकों ने लोगों से आग्रह किया कि इस दौर में गंगा का जल नहाने या आचमन करने योग्य नहीं रहा।

       अब तो कई नदियां डुबकी लगाने लायक नहीं रही । अब जल में विसर्जन की जगह भू-विसर्जन अपनाने का वक्त आ गया है अर्थात विसर्जित की जाने वाली वस्तु को जमीन में दबाएं । पानी में डाल के भी मिट्टी ही बनेगी परन्तु जल प्रदूषित हो जाएगा । अब नदी मंत्रालय भी बना है बताया जा रहा है । हम अपना सहयोग दें और हो सके तो अपने क्षेत्र की नदी तटों की सफाई करें जैसे पंजाब में संत सींचोवाल ने कालीबेन नदी को साफ़ करके दिखाया । आज कलीबेन नदी पूर्ण स्वच्छ है। उसमें लोग किसी प्रकार की गंदगी नहीं डालते। गंगा दशहरा पर हमें भी संकल्प लेना चाहिए कि हम नदियों में कूड़ा डाल कर या विसर्जन कि कोई वस्तु डाल कर नदियों या जल स्रोतों को गंदा नहीं करेंगे। यदि हमने नदियों को नहीं बचाया तो कई नदियां विलुप्त हो सकती हैं या सूख सकती हैं। उत्तराखंड में कई छोटी नदियां सूख गई है जिसमें कोशी नदी में मिलने वाली कुजगढ़ नदी प्रमुख है । गंगा दशहरा की शुभकामनाएं ।

पूरन चन्द्र कांडपाल
20.06.2021

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