खरी खरी - 865 : पर्यावरण बचौ
सौवा जंगवोंल पाणी बुसै है
डाव बोट काटणियांल जंगव धुसै है।
जंगव उजाड़ि हलीं आग लगुणियांल
जड़ि बुटि उजाड़ि हलीं जाड़ खोदणियांल।
प्लास्टिकै थैलिक ढेर पहाड़ पुजिगो
बखत पर द्यो निहुणल पहाड़ सुकिगो।
अनाधून ख्वैरान पहाड़क हैगो
पाणि जंगव जमीन कैं माफिया खैगो।
चौमासाक द्योक स्वैर हरैगीं
बदोव एकबटीण है पैली खरैगीं।
नौव धार सीरक पाणि उजड़िगो
हरैगे हरयाइ पर्यावरण बिगड़िगो।
वैज्ञानिक संसारि गर्मी बतूंरीं
अटपट बिकास कैं रातदिन घतूंरीं।
बचौ पर्यावरण तराण लगै दियो
जता लै द्यो हूं पाणि नि बगण दियो।
कसिके लै द्वि चार डाव बोट लगौ
पनाणक पाणिल लै उम्मीद जगौ।
थ्वाड़ कोशिश करो हिम्मत द्यखौ
पर्यावरण बचुणियां में नाम ल्यखौ।
पूरन चन्द्र कांडपाल
05.06.2021
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