खरी खरी - 866 : हमार नान
पैलिबै नान अठार
साल में बालिग हुंछी
आब आठ साल में
ज्वान हूं फैगीं,
टेलिविज़न ल नान
सायण बनै हलीं
ठुलां क समझणी बात
नान समझै फैगीं ।
नान बखत है
पैली ज्वान हैगीं
गिचल लै बलानी
हरकत लै करैं फैगीं,
पैली बै मै - बाप
नना पर नजर धरछी
आब नान मै- बाप पर
नजर धरैं फैगीं ।
नना में इस्कूली जास
गुण खतम छीं
फैशन क जोर
बेखौप बढ़ते जांरौ,
लच्छण जो इस्कूलियाँ
में पाई जांछी
उ शील स्वभाव
दिनोदिन घटते जांरौ ।
फिर लै हिम्मत करो
नना कैं भली समझौ
देर सबेर जरूर सुधरौल
निराश नि हौ,
हाम बिगड़ी बहोड़ियाँ
कैं लै नि छोड़न
मनखियौक पोथिल छ
सपड़ौल, पहौर लगौ ।
पूरन चन्द्र काण्डपाल
08.06.2021
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