Tuesday 8 June 2021

Milawat : मिलावट

खरी खरी - 867 : मिलावट का मोह

हल्दी में खड़िया


धनिए में लीद,


काली मिरच में


पपीते के बीज,


मिरच में लकड़ी का


बुरादा मिला है,


हर मसाले में मिलावट


का सिलसिला है ।

चावल में कंकड़


दाल में पत्थर,


आटे में मिट्टी


लगती है चर चर,


घी-तेल मिलावट से


हो गए बदतर,


अंदर से कुछ भी हो


खुशबू है ऊपर ।

शरबत में शकरीन


मिठाई में रंग है,


हर पकवान मिलावट के


रंग से भरा है,


लगता हरित है


रंग जिस भाजी का,


असली नहीं वह


नकली हरा है ।

'वर्क' मिठाई जो


ओढ़े हुए है,


ज़हर अपने में वह


जोड़े हुए है,


बर्फी में आलू


समाया हुआ है,


दूध में रसायन


मिलाया हुआ है ।

दवा में मिलावट


नकली दवाई


कितने ही लोगों ने


जान गंवाई


मिलावट फिर भी


इनकी जारी रही


मिलावटियों को


फिर भी शरम न आई। 

अरे ! ओ मिलावट


के धंधे वालो,


इस कुकृत्य से


अपना मन मोड़ो,


होगी एक दिन


दुर्गति तुम्हारी,


हैवानियत के इस


धंधे को छोड़ो ।

पूरन चन्द्र काण्डपाल


09.06. 2021


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