Sunday 2 June 2019

Pareeksha parinaam : परीक्षा परिणाम

खरी खरी - 436 : परीक्षा परिणाम - कहीं खुशी कहीं गम

     सीबीएसई में 12वीं औऱ 10वीं के परिणाम आते ही कहीं हर्सोल्लास हुआ तो कहीं निराशा भी छा गई । इस वर्ष CBSE के आश्चर्यजनक परिणाम रहे । 10वीं में प्रथम -13, द्वितीय -25, तृतीय -58 तथा 12वीं में प्रथम -2, द्वितीय -3 और तृतीय -18 जिनके अंक 500 में से क्रमशः 499,  498,  497 थे । लड़कियों ने अपनी श्रेष्ठता इस साल भी बनाये रखी । सीबीएसई उतीर्ण प्रतिशत : X- 91.1 % तथा XII - 83.4% । उत्तराखंड  : X- 76.43 % और XII - 80.13 % ।

       परीक्षा परिणाम का दूसरा पहलू हमें निराश भी करता है । जो बच्चे फेल हुए उनमें से कुछ ने अनुचित कदम भी उठाने का प्रयास करते हैं जो गलत है ।  असफल विद्यार्थियों को निराश नहीं होना चाहिए और पुनः परिश्रम के साथ पढ़ाई में जुट जाना चाहिए । आत्महत्या जैसे कदम उठाना एकदम अनुचित है जो किसी भी हालत में सही नहीं ठहराया जा सकता ।

     हमारे देश में शिक्षा की हालत ठीक नहीं है । एक समाचार के अनुसार देश में करीब 18 करोड़ बच्चे आरम्भ में स्कूल जाते हैं और 12वीं तक मात्र डेड़ करोड़ बच्चे ही पहुंच पाते हैं । बाकी 16.5 करोड़ बच्चे कहां गए ? यह संख्या अकुशल मजदूरों के समूह में जाकर जीवनपर्यंत धक्के खाते रहती है । सर्व शिक्षा अभियान के बावजूद हमारा शिक्षा कार्यक्रम सही दिशा नहीं पकड़ पाया अन्यथा बच्चों की इतनी बड़ी संख्या अकुशल मजदूर नहीं बनती ।

      नोबेल पुरस्कृत, बचपन बचाओ आंदोलन के प्रणेता कैलाश सत्यार्थी जी के अनुसार यदि सरकार के साथ -साथ हमारे मंदिर- मस्जिद- चर्च तथा अन्य पूजालय भी बच्चों की शिक्षा के बारे में  गंभीरता से सोचते तो एक सामाजिक परिवर्तन के साथ शिक्षा का उत्तम फैलाव होता और अकुशल मजदूरों की संख्या इतनी नहीं होती । हमें अपने और अपने समाज के बच्चों को आरम्भ से ही शिक्षा की ओर प्रेरित करना चाहिए तभी सम्पूर्ण देश उन्नति करेगा । हमारे इर्द- गिर्द अनपढ़, नशेड़ी, अशिष्ट, दुष्कर्मी, चोर, जेबकतरे और असामाजिकतत्व बन गए अधिकांश बच्चे स्कूल ड्रॉपआउट (शिक्षा छोड़े) ही होते हैं । इस सामाजिक समस्या पर हमें चिंतन तो करना ही होगा ।

पूरन चन्द्र काण्डपाल
02.06.2019

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