मीठी मीठी - 109 : इज है ठुल को ? मातृ दिवस ।
न सरग न पताव
न तीरथ न धाम,
इज है ठुल क्वे
और न्हैति मुकाम ।
आपूं स्येतीं गिल म
हमूकैं स्येवैं वबाण,
हमार ऐरामा लिजी
वीक ऐराम हराण ।
इज क कर्ज है दुनिय में
क्वे उऋण नि है सकन,
आंचव में पीई दूद क
क्वे मोल नि चुकै सकन ।
दुख सुख में हरबखत
गिचम इज क नाम,
'ओ.. इजा..' कैते ही
मिलि जां सुख ऐराम ।
'मातृ दिवस' कि शुभकामना
पूरन चन्द्र काण्डपाल
13 मई 2018
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