Tuesday 8 May 2018

Hunkaar gairsain : हुंकार गैरसैण

खरी खरी -232 : आज संसद मार्ग नई दिल्ली पर गैरसैण की हुंकार

      राजधानी गैरसैण बन गई होती तो 1800 गांव भुतहा (उजड़ गए) नहीं होते । कौन है जिम्मेदार ? 10 मुख्यमंत्री जो हमेशा ही अपनी नौकरी बचाते रहे और बारी बारी से सत्ता रस पीते रहे । काश ! आज कुमाऊं केसरी बद्रीदत्त पांडे जैसे लोग होते तो 1921 की तरह आर-पार हो गई होती । इन पुरखों को नमन जो अंग्रेजों से लड़े और आज हमें अपने हक-हकूक के लिए देशी अंग्रेजों से लड़ना पड़ रहा है । बहुत ही दुःखद और शर्मनाक...

      आज 6 मई 2018 को 11 बजे सुबह संसद मार्ग नई दिल्ली पर हुंकार रैली में पुनः भैंस के आगे बीन बजायेंगे । यह बीन लक्ष्य प्राप्ति  तक बजते रहेगी ।उम्मीद पर खड़े हैं सभी उत्तराखंडी । देर-सबेर गैरसैण लक्ष्य पूरा होगा, भलेही हमारे सामने हो या हमारे चले जाने के बाद । जयहिन्द ।

पूरन चन्द्र काण्डपाल
06.05.2018

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