खरी खरी- 245 : मां की लाश पर पेंशन
हमने भ्रष्टाचार के बड़े बड़े अटपटे नमूने देखे-सुने हैं । सुहागन विधवा पेंशन लेती हैं, मुर्दे पेंशन लेते हैं, जवान बुढ़ापे की पेंशन लेते हैं और बड़े-बड़े धन्ना सेठ बीपीएल कार्ड होल्डर हैं । MCD में तो भूत कर्मचारी वेतन लेते देखे गए हैं । इसके अलावा भी कई लोगों ने कई प्रकार का अद्भुत भृष्टाचार देखा होगा ।
हाल ही में बनारस ने भ्रष्टाचार का अब तक का एक अनोखा नमूना देखा । बनारस में गंगा किनारे भेलपुर, दुर्गाकुंड के पास अमरावती नाम की एक 70 वर्षीय 5 पुत्रों की जननी ने 13 जनवरी 2018 को दुनिया को अलविदा कह दिया । उसे पेंशीनीयर पति की मृत्यु के बाद 40 हजार रुपये की मासिक पेंशन मिलती थी । पुत्रों ने मां का दाह संस्कार करने के बजाय उस पर रसायनिक लेप लगा दिया और अंगूठे पर स्याही लगा कर बैंक से लगातार पेंशन लेते रहे । जब लाश से बदबू आने लगी तो पड़ोसियों ने पुलिस बुलाई और 23 मई 2018 को सारा भेद खुल गया ।
इन पुत्रों पर कभी अमरावती को नाज रहा होगा । इनके जन्म पर उसके घर में कासे की थाली के साथ शंख बजी होगी । इस दिवंगत मां ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उसके बेटे चंद रुपयों के मोह में उसकी लाश को सड़ाकर नरपिशाच बन जाएंगे और लाश पर अपनी रोटी सेकते रहेंगे । आश्चर्य होता है आज के दौर में कुछ पुत्र कपूत बनकर मां-बाप को मार रहे हैं, उन्हें वृद्धाश्रम भेज रहे हैं, उनका कत्ल करवा रहे हैं और कहीं पर तो इतना नीचे गिर गए हैं कि उनकी लाश को सड़ाकर उससे पेंशन ले रहे हैं । धिक्कार है इंसान रूपी इन नरपिशाचों को जिन्होंने पुत्र के पावन रिश्ते को कलंकित करने का जघन्य अपराध किया है । हे कानून ! कहां है तू ? न तेरा डर रहा और न तेरा खौप रहा ? क्या तू जिंदा है ?
पूरन चन्द्र काण्डपाल
27.05.2018
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