Monday 18 October 2021

Shabd : शब्द

खरी खरी - 946 : शब्द

शब्द मुस्कराहट जगा देते हैं


शब्द कड़वाहट भी बड़ा देते हैं,


दिल जो दिखाई नहीं देता


शब्द उसकी बनावट भी बता देते हैं ।

कुछ शब्द कहे नहीं जाते


कुछ शब्द सहे नहीं जाते,


शब्दों के तीर से बने घाव


जीवन में भरे नहीं जाते ।

शब्द दुखड़े भी बांट देते हैं


शब्द खाई भी पाट देते हैं,


शब्दों के धारदार खंजर


उलझी हुई जंजीर काट देते हैं ।

शब्द मिठास भी भर देते हैं


शब्द निरास भी कर देते हैं,


मन में छिपे हुए तूफ़ान की


प्रकट भड़ांस भी कर देते हैं ।

शब्द से अमृत भी बरसता है


शब्द से जहर भी उफनता है,


अपशब्द से घटा जो घिरती है


हर तरफ कहर ही बरपता है ।

शब्द को जो पहले तोलता है


तोल के मुंह जो खोलता है,


मिटे द्वेष द्वंद घृणा ईर्ष्या


कूक कोयल सी मिठास घोल देता है ।

पूरन चन्द्र काण्डपाल


19.10.2021


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