Wednesday 27 October 2021

Shabd sampada : शब्द संपदा

मीठी मीठी - 660 : शब्द सम्पदा
(‘मुक्स्यार’ किताब बटि )

सिदसाद नान छी उ
दगड़ियां ल भड़कै दे /

बूबू कि उमर क ख्याल नि कर
नना चार झड़कै दे /

मान भरम क्ये नि हय
कुकुरै चार हड़कै दे /

खेल खेलूं में अझिना अझिन
नई कुड़त धड़कै दे /

कजिय छुडूं हूं जै भैटू
म्यर जै हात मड़कै दे /

बिराऊ गुसीं यस मर
दै हन्यड़ कड़कै दे /

तनतनाने जोर लगा
भिड़ जस दव रड़कै दे /

गिच जउणी चहा वील
पाणी चार सड़कै दे /

बाड़ में हिटणक तमीज निहय
डाव नउ जस टड़कै दे /

लकाड़ फोड़णियल ठेकि भरि छां
एकै सोस में चड़कै दे / 

गदुवक वजन नि सै सक
सुकी ठांगर पड़कै दे /

बीं हूं काकड़ धरी छी
रात चोरूल तड़कै दे / 

लौंड क कसूर क्ये निछी
खालिमुलि नड़कै दे /

पतरौवे कैं खबर नि लागि
बांजक डाव गड़कै  दे /

पूरन चन्द्र कांडपाल
26.10.2021

No comments:

Post a Comment