मीठी मीठी - 653 : क्या है कविता?
शब्दों की माला
बनाती है कविता
दिल के उफान को
बताती है कविता
सोए हाकिम को
जगाती है कविता
आसन पर बैठों को
हिलाती है कविता ।
बेगानों को अपना
बनाती है कविता
अपनों को ऐहसास
कराती है कविता
अपना गिरेबां
दिखाती है कविता
आदमी को इंसान
बनाती है कविता ।
राष्ट्र की धुन
हुंकारती है कविता
वीरों का शौर्य
फुफकारती है कविता
शहीदों की स्मृति
जगाती है कविता
उलझन दिलों की
सुलझाती है कविता ।
पूरन चन्द्र काण्डपाल
07.10.2021
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