मीठी मीठी - 658: 'मीटू' गुजि कि चपेट (हास्य -व्यंग्य)
मुणि लेखी कैटेगरी वाव मैंस कभतै लै 'मीटू' गुजि कि चपेट में ऐ सकनी, जरा बचि बेर रया -
सैणियाँ हैं हँसि बेर बलाणी,
सैणियाँ दगै गपसप मारणी,
सैणियाँ उज्यां देर तली घूरणी,
सैणियाँ कैं वाहन में लिफ्ट दिणी,
उनरि ड्रेसकि तारिफ करणी,
'होइ' में उनू पर गुलाल घसोड़णी,
पड़ोसक सागकि तारिफ करणी,
ऑफिस में उनू दगै लंच बांटि खाणी,
पड़ोसवाइ दगै ज्यादै बात मारणी,
बस में सैणियाँ कैं नजीक भटाउणी,
पार्टी में उनार नजीक ठाड़ हुणी,
उनू दगै ज्यादै खितखिताट पाड़णी,
घरेतिय सैणियाँ दगै मजाक करणी,
भीड़ में सैणियाँक ढयस सहन नि करणी ।
(और लै कतू कारण है सकनीं । बखत बदलि गो । आब मैंसों कैं छां लै फुकि- फुकि बेर पिण पड़लि ।)
पूरन चन्द्र काण्डपाल
23.10.2021
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