खरी खरी - 844 : नैतिकता - संवेदनहीनता
नैतिकता -
चुनाव पांच राज्यों का हुआ दो मई को अंत
क्रूर कोरोना दौर यह डस गया संत-असंत,
डस गया संत-असंत थम गया चुनाव का खेला
तंत्र ताकता रह गया देख रैली भीड़ का रेला,
कह 'पूरन' गिद्ध - बाज, खीज करत कांव टांव
जीते को नैतिकता सिखावे, जो हार गए चुनाव।
संवेदनहीनता -
कोरोना रोगी अस्पताल में सांस गिन रहा है,
पूरा देश आक्सीजन के लिए संघर्ष कर रहा है,
बेशर्म पंचायत चुनाव जीत का जलूस निकाल रहा है,
असहाय प्रशासन आंख मूंद तमाशा देख रहा है।
पूरन चन्द्र कांडपाल
04.05.2021
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