Monday 10 May 2021

Daarubaajon ka laukdaaun : दारूबाजों का लौकडाउन।

खरी खरी - 849 : दारूबाजों ने दारू में बहाया लौकडाउन

(आज की खरी खरी दारूबाजों को समर्पित है जो कोरोना के दौर में भी जी जान से दारू का प्रबंध करते हैं। पिछले साल की खरी खरी देखिए तब भी यही हाल था। यह पिछले साल का हाल है।  )

   "कल 04 मई 2020 को लौकडाउन के 41/54वें दिन देश में सुबह 10 बजे शराब से ठेके खुलने का ऐलान हुआ । ठेकों पर सुबह 7 बजे से ही लंबी कतारें देख आश्चर्य नहीं हुआ । दिन भर करोड़ों रुपए की शराब बिक गई । कोरोना को ठैंगा दिखाकर दारूबाजों ने खुल्लम खुल्ला लौकडाउन की खिल्ली उड़ाई । कई जगह पुलिस को बेवडों को कंट्रोल करने के लिए लाठी चार्ज करना पड़ा । शराब की तड़प में शराबियों को यह भी याद नहीं रहा कि वे स्वयं और अपने परिवार को जोखिम में डाल रहे हैं । देश में कई जगह अपने घर जाने वाले मजदूरों का सब्र बांध भी टूटा और उन्होंने ने भी लौकडाउन की जमकर धज्जियां उड़ाई । ऐसे में विगत 40 दिनों के लौकडाउन को इन सबने मुंह चिढ़ाते हुए ठैंगा दिखा दिया । दारू के ठेके खोलने से पहले या मजदूरों को कोई रियायत देने से पहले पुलिस का प्रबंधन सिथिल पड़ गया जिसने उन लोगों को निराश किया जो पूर्ण ईमानदारी से घर बैठ कर लौकडाउन का पालन कर रहे हैं । ऐसे में आकाश से फूल बरसाना या अस्पतालों में बैंड बजाने के कर्म को भी धूमिल होना पड़ा ।

   शराब स्वास्थ्य के लिए बहुत खराब है । इससे कई रोग पनपने के अलावा रोगप्रतिरोधक क्षमता ( इम्यूनिटी) भी कम हो जाती है और कोरोना केस बढ़ भी सकते हैं । इस जहर से बचिए और दोस्तों को बचाइए । अपनी आर्थिक, पारिवारिक, सामाजिक और मानसिक हालात को मत बिगड़ने दीजिए । वर्तमान संकट से जूझने की सबकी जिम्मेदारी है । "

       यह था पिछले साल का संस्मरण। आज ( 11 मई 2021 ) भी दिल्ली सहित देश के कई राज्यों में लौकडाउन है । देश में संक्रमितों की संख्या दिनोदिन बढ़ रही है और मृतक संख्या भी बढ़ रही है। लोग लोग आक्सीजन, बेड और दवा के लिए त्राहि त्राहि कर रहे हैं। सरकारों ने 18 - 45 वर्ष वालों के लिए वैक्सीन ऐलान तो कर दिया परन्तु कई राज्यों में प्रबन्धन ठीक नहीं है, भीड़ अधिक है और संक्रमण फ़ैल रहा है। फिर भी निराश न हों, कोरोना अनुशासन का पालन करें ।  जरूरी हो तो तभी मास्क और देह दूरी के साथ बाहर निकलें । वैक्सीन अपनी बारी पर जरूर लगाएं।  भागेगा कोरोना, जीतेगा भारत ।

पूरन चन्द्र कांडपाल
11.05.2021

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